नौगढ़ में सरकारी अस्पतालों का हाल बेहाल, नेता जी वोट मांगने आओगे तो जवाब मिलेगा ऐसा.....

नौगढ़ सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन तक नहीं
गर्भवती महिलाओं और मरीजों को जाना पड़ता है 40-60 किमी दूर
सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि मौन
शिकायतों के बावजूद नहीं हो रही कोई सुनवाई
चंदौली जिले में तहसील नौगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में अल्ट्रासाउंड मशीन तक नहीं है, लेकिन सांसद कुंवर छोटेलाल खरवार, विधायक कैलाश आचार्य और अन्य नेता मौन साधे बैठे हैं। चुनाव के समय यह नेता वोट मांगने के लिए गांव-गांव दौड़ते हैं, लेकिन जब जनता की जान बचाने वाली बुनियादी सुविधा की बात आती है, तो सब नदारद हो जाते हैं। आखिर कब तक जनता इन नेताओं के झूठे वादों की कीमत चुकाएगी?

आपको बता दें कि अल्ट्रासाउंड जैसी जरूरी सुविधा न होने से गर्भवती महिलाओं को 62 किलोमीटर दूर चंदौली या 40 किलोमीटर दूर सोनभद्र जाना पड़ता है। कई बार अस्पताल में जगह नहीं मिलती, तो उन्हें पूरी रात वहीं गुजारनी पड़ती है। पेट दर्द, पथरी, और अन्य बीमारियों के मरीजों को भी घंटों का सफर तय करना पड़ता है। लेकिन सांसद और विधायक की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता।
सांसद कुंवर छोटेलाल खरवार, विधायक कैलाश आचार्य, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख—सब के सब सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। जनता लगातार मुख्यमंत्री पोर्टल, समाधान दिवस और अन्य माध्यमों से शिकायत कर रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। अगर वोट चाहिए तो नेताओं के चेहरे हर जगह दिखते हैं, लेकिन जनता की तकलीफ से इनका कोई लेना-देना नहीं।

जनता के पैसों से ऐश, सुविधाओं के नाम पर धोखा!
सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर करोड़ों खर्च करने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि नौगढ़ जैसे इलाके बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। जनता के पैसों से नेता ऐश कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी मशीन तक नहीं। क्या जनता सिर्फ वोट बैंक है? क्या गरीबों की जान की कोई कीमत नहीं?
अब सिर्फ सवाल नहीं, सड़क पर उतरेगी जनता!
नौगढ़ की जनता अब नेताओं के खोखले वादों से तंग आ चुकी है। अगर जल्द ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं लगाई गई, तो जनता सिर्फ सवाल नहीं पूछेगी, बल्कि सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। अब यह साफ हो चुका है कि सांसद, विधायक, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख जनता के हितों की नहीं, सिर्फ अपने स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं।
वोट मांगने आओगे तो जवाब मिलेगा!
नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि जनता मूर्ख नहीं है। जब अगला चुनाव आएगा, तो यही जनता इनसे सवाल पूछेगी—"जब हमें अल्ट्रासाउंड जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं मिली, तो तुम्हें वोट क्यों दें?" अब बस बहुत हुआ, जनता अपना हक लेकर रहेगी!"
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