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नौगढ़ में सरकार के फैसले के खिलाफ चला 21 दिन का आंदोलन, तीन महीने बाद खुला स्कूल

नौगढ़ पड़रिया गाँव का प्राथमिक विद्यालय शासन के आदेश पर कंपोजिट विद्यालय धनकुवारी कला में मर्ज कर दिया गया था। इससे बच्चों और अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गईं।
 

पड़रिया विद्यालय खुलते ही बच्चों में बांटी मिठाइयाँ

गांव में पढ़ने की सुविधा मिलने पर रो पड़े मासूम बच्चे

DM चंद्र मोहन गर्ग और चंदौली समाचार को मिला धन्यवाद

देखें विडियो - https://youtube.com/shorts/kxIfqYOE4nA

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आंदोलन की पृष्ठभूमि

आपको बता दें कि नौगढ़ पड़रिया गाँव का प्राथमिक विद्यालय शासन के आदेश पर कंपोजिट विद्यालय धनकुवारी कला में मर्ज कर दिया गया था। इससे बच्चों और अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गईं। रोज़ाना 2–3 किलोमीटर का पैदल सफर, जंगली जानवरों और दुर्गम रास्तों का खतरा—बच्चों के लिए शिक्षा पाना लगभग असंभव हो गया था। ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। चंदौली समाचार ने इस संघर्ष की लगातार कवरेज की, जिससे आंदोलन को मजबूती मिली।

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भीम आर्मी और ASP की पहल, चिट्ठी मिलते ही बैठ गए धरने पर 

पड़रिया गांव के लोगों ने भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी को पत्र लिखकर मदद मांगी। संगठन ने इसे जनआंदोलन का रूप दिया। 11 अगस्त 2025 से लगातार धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ। इसके बाद 15 अगस्त को विद्यालय पर झंडा फहराया गया। कार्यकर्ताओं और अभिभावकों की एकजुटता ने आंदोलन को और ताकत दी। 18 अगस्त को सम्पूर्ण समाधान दिवस पर नौगढ़ आए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन तब भी सुनवाई नहीं हुई। संघर्ष लगातार 31 अगस्त तक जारी रहा।

जिलाधिकारी के आदेश से पलट गई बाजी 

जनआंदोलन और  मीडिया कवरेज की ताकत के सामने प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने गंभीरता दिखाई। बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने 3 सितंबर 2025 को आदेश जारी कर विद्यालय का मर्ज निरस्त किया और प्राथमिक विद्यालय पड़रिया को पुनः संचालित करने का आदेश दिया। यह निर्णय बच्चों और अभिभावकों के लिए राहत लेकर आया और पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। इस सफलता में चंदौली समाचार के सतत कवरेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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उत्सव और बच्चों की खुशी

विद्यालय खुलने का आदेश आते ही गाव में जश्न का माहौल बन गया। बच्चों और अभिभावकों ने मिठाई बांटी और लड्डू खाए। छोटे-छोटे बच्चे खुशी से रो पड़े, उनके चेहरे पर मुस्कान और आंखों में चमक देखकर गांववासियों की भी खुशी दोगुनी हो गई। पड़रिया विद्यालय के पुनः खुलने के पीछे 21 दिन का संघर्ष और भीम आर्मी एवं आज़ाद समाज पार्टी के लगातार प्रयास शामिल थे, जिसे ग्रामीणों ने महसूस किया और उत्सव में इसे पूरी ताकत से मनाया। सभी ने स्कूल के प्रांगण को सजाया और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह पल पूरे गाँव के लिए गर्व और उत्साह का क्षण साबित हुआ, जिसमें हर कोई अपनी भागीदारी और संघर्ष की सफलता का जश्न मना रहा था।

स्वागत समारोह और संबोधन

स्वागत समारोह में भीम आर्मी के जिला संरक्षक मा० रामचन्द्र राम मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं, माताओं, बहनों और बच्चों को माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा — “बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और संस्कार से वंचित करना अन्याय है। यदि किसी ने उनके भविष्य से खिलवाड़ किया तो जनआंदोलन से जवाब मिलेगा।”

विशिष्ट अतिथि ASP के पूर्व जिला सचिव मा० श्यामसुंदर ने कहा — “आज का यह निर्णय साबित करता है कि जब समाज और संगठन मिलकर सही दिशा में आवाज उठाते हैं, तो प्रशासन मजबूर होकर जनता के पक्ष में निर्णय करता है। बच्चों की शिक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।”

समाजसेवी मा० अनिल यदुवंशी ने बच्चों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा — “पड़रिया विद्यालय का पुनः खुलना उदाहरण है कि यदि हम संघर्ष और एकजुटता के साथ अपनी मांग उठाएँ, तो परिणाम सकारात्मक होंगे। बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।”

स्वागत सम्मान में मौजूद मनीष सिंह गहरवार व अभिभावकों ने जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग के निर्णय को ऐतिहासिक बताया और चंदौली समाचार का विशेष धन्यवाद किया। ग्रामीणों ने कहा कि मीडिया की सक्रियता और संगठन की एकजुटता के बिना शायद यह जीत संभव नहीं होती। इस मौके पर जिरवा, धमेन्द्र, गणेश, पंकज कुमार, रामबहाल, दीपक, नागेश्वर, सुनीता, मालती, मुन्ना, अंगद, कान्ता यादव, रामलखन BDC, मुलायम, विनोद, बाल मुकुन्द, मनोज, कृष्णानन्द, छोटे लाल, सतेन्द्र सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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