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नौगढ़ के इस स्कूल में हुआ पंचायत का चुनाव, 31 वोट पाकर अमृत बन गए प्रधान

कंपोजिट विद्यालय जयमोंहनी में शिक्षण को रुचिपूर्ण और अनुभवात्मक बनाने के उद्देश्य से सामाजिक विषय — नागरिक शास्त्र के अंतर्गत “ग्रामीण स्थानीय स्वशासन” पाठ पर आधारित यह गतिविधि कराई गई।
 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में कम्पोजिट विद्यालय जयमोंहनी में शुक्रवार को उस समय माहौल बिल्कुल चुनावी हो गया जब कक्षा 6 के विद्यार्थियों ने प्रधान पद के चुनाव में प्रत्याशी बनकर लोकतंत्र की असली प्रक्रिया को जी लिया। 

कंपोजिट विद्यालय जयमोंहनी में शिक्षण को रुचिपूर्ण और अनुभवात्मक बनाने के उद्देश्य से सामाजिक विषय — नागरिक शास्त्र के अंतर्गत “ग्रामीण स्थानीय स्वशासन” पाठ पर आधारित यह गतिविधि कराई गई, जिसमें बच्चों ने मतदान, मतगणना और परिणाम घोषणा तक की पूरी प्रक्रिया स्वयं सम्पन्न की। विद्यालय परिसर में लोकतांत्रिक मूल्यों की सजीव झलक देखने को मिली — उत्साह, प्रचार, मतदाता सूची, वोटिंग और विजय जयकारों से विद्यालय का वातावरण लोकतंत्र के पर्व में बदल गया।

Panchayat Election Process

 शिक्षण में नवाचार : बच्चों ने निभाई लोकतंत्र की भूमिका

प्रधानाध्यापक  प्रियधेश कुमार ने चंदौली समाचार को बताया कि सामाजिक विषय के शिक्षक  राम चन्द्र राम की पहल पर यह शिक्षण नवाचार कार्यक्रम आयोजित हुआ। कक्षा 6 के विद्यार्थियों ने आग्रह किया कि गुरुजी, हमें चुनाव प्रक्रिया के बारे में बताइए और समझाइए। इस पर विद्यालय प्रशासन ने इसे एक व्यवहारिक पाठ में बदल दिया। 

मुख्य चुनाव अधिकारी बने सहायक अध्यापक अनुराग शर्मा,  मतदान अधिकारी का रोल सहायक अध्यापक देवेन्द्र यादव ने निभाया। वहीं प्रशासनिक अधिकारी सहायक अध्यापक जितेन्द्र शर्मा को बनाया गया।  सहयोगी के रूप में सहायक अध्यापक कुमार मंगलम और शिक्षामित्र रामचन्द्र राम ने अपनी-अपनी भूमिका निभाते हुए चुनाव को वास्तविक स्वरूप दिया।

Panchayat Election Process

कुल मतदाता 88 थे और चुनाव सिर्फ 30 मिनट में शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। बच्चों ने मतदान केंद्र पर कतार बनाकर मतदान किया और उत्साह से भरे इस मॉक इलेक्शन में एक सजीव लोकतांत्रिक दृश्य उभर आया।

 8 मतों से अमृत बन गए प्रधान 
मतदान के बाद मतगणना पूरी होते ही परिणाम की घोषणा की गई। अमृत कुमार (कैमरा चिन्ह) ने 31 मत प्राप्त कर अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी सोना (पंखा चिन्ह) को 8 मतों से शिकस्त दी। अन्य उम्मीदवारों में मनोरमा (पेड़ चिन्ह) को 21 मत, लकी (कार चिन्ह) को 5 मत, रीतू (टोपी चिन्ह) को 5 मत और अंश (नल चिन्ह) को 3 मत मिले। विजय की घोषणा के साथ ही विद्यालय में बच्चों की खुशी देखते ही बनती थी। “प्रधान अमृत” के नारे गूंज उठे और विद्यालय परिसर तालियों से गूंज गया।

Panchayat Election Process

लोकतंत्र की पाठशाला बना विद्यालय 
इस गतिविधि ने न केवल विद्यार्थियों को नागरिक शास्त्र की समझ को गहराई से सिखाया, बल्कि उन्हें लोकतंत्र के वास्तविक मूल्यों — समानता, भागीदारी और जिम्मेदारी  का भी अनुभव कराया। विद्यालय परिवार के सभी अध्यापकगणों की मौजूदगी में सम्पन्न यह आयोजन शिक्षण में नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया। विद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस तरह की प्रयोगात्मक शिक्षा से बच्चे केवल किताबों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान भी अर्जित करते हैं।

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