कोरोना में दूसरों को भोजन कराने वाला परेशान, अफसर लगा रहे झूठी रिपोर्ट
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चन्दौली जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नौगढ़ में लॉकडाउन के दौरान गरीब व मजबूर लोगों को शासन के निर्देश पर भोजन मुहैया कराने वाले व्यक्ति भोजन के लिए आज मोहताज हो गया है, क्योंकि जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश सरकार को झूठी रिपोर्ट देकर अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं ।
बताते चलें कि जब वैश्विक महामारी कोविड-19 में अप्रैल और मई महीने में तहसीलदार के निर्देश पर भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया, लेकिन प्रार्थी का पैसा 7 माह के बाद भी भुगतान नहीं हो पाया जिससे प्रार्थी के परिवार वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं।
बाघी गांव निवासी गोपाल प्रसाद जायसवाल तहसीलदार आनंद कुमार कनौजिया के निर्देश पर भोजन का पैकेट उपलब्ध करा कर दिया था। जिसका भुगतान ₹2,85,000 सात माह बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो पाया। जिसकी शिकायत गोपाल प्रसाद ने मुख्यमंत्री पोर्टल और जिलाधिकारी के समक्ष भी जाकर प्रार्थना पत्र भी दिया था , लेकिन आज तक उनका भुगतान नहीं कराया गया।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी आख्या भी लगा दिया गया कि 2 महीने में ही भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन आख्या लगाने के 3 महीने के बावजूद भी भुगतान नहीं हो सका है, जिससे परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है।
प्रार्थी बताया कि उसकी बड़ी लड़की का एएनएम का कोर्स करना था, जिसके लिए फीस ₹90,000 देने थे, लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से उसका एडमिशन नहीं हो पाया ।
छोटी लड़की हाई स्कूल की छात्रा है। इसका पैसा नहीं होने की वजह से विद्यालय नहीं जा पा रही है और लड़का राहुल जो B.A. प्रथम वर्ष का छात्र है पैसे की वजह से उसका भी एडमिशन नहीं हो पाया।
यदि जल्द ही हम लोगों का भुगतान नहीं कराया गया तो परिवार सहित हम आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी जिला के शासन प्रशासन की होगी।
इस संबंध में उप जिलाधिकारी डॉक्टर अतुल गुप्ता ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है जिसकी सारी अड़चनों को दूर करते हुए इनके बिल को जिला अधिकारी कार्यालय को भेजा गया है जैसे ही वहां से धन अवमुक्त होगा वैसे ही पैसा मुहैया करा दिया जाएगा ।
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