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गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में तिल तिल करके मरने वाले हैं जानवर

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चन्दौली जिले के नौगढ़ इलाके में गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां बदहाल पड़ा है। यहां पर जानवर बीमार पड़े हैं पर देखने वाला कोई नहीं है। कहा जा रहा है कि वहां न तो जानवरों के लिए कोई उचित व्यवस्था है और न ही वहां उनकी देखभाल करने वाले लोगों के लिए इंतजाम है। गोवंश आश्रय
 
गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में तिल तिल करके मरने वाले हैं जानवर

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चन्दौली जिले के नौगढ़ इलाके में गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां बदहाल पड़ा है। यहां पर जानवर बीमार पड़े हैं पर देखने वाला कोई नहीं है। कहा जा रहा है कि वहां न तो जानवरों के लिए कोई उचित व्यवस्था है और न ही वहां उनकी देखभाल करने वाले लोगों के लिए इंतजाम है।

गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में तिल तिल करके मरने वाले हैं जानवर

गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में ड्यूटी पर तैनात सफाई कर्मचारी से जब पूछा गया कि गोवंश आश्रय स्थल पर आज कोई डॉक्टर आए थे या नहीं तो ड्यूटी पर तैनात सफाई कर्मचारी द्वारा बोला गया कि मुझे मालूम नहीं है । इस बारे में किसी प्रकार की कोई भी बात नहीं बता सकता।

गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में तिल तिल करके मरने वाले हैं जानवर

मौके पर कोई भी देख सकता है कि गोवंश आश्रय स्थल में चार पशु बीमार पड़े हैं, जिसमें दो बड़े पशु थे जो कि बाउंड्री के लगभग तार के खंभे से सटे हुए हैं।

गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में तिल तिल करके मरने वाले हैं जानवर

जब सफाई कर्मचारी से यह पूछा गया कि बीमार जानवरों का कोई इलाज चल रहा है या नहीं.. तो सफाई कर्मचारी द्वारा बताया गया कि इस बारे मे वह कुछ न तो जानता है और न ही बता सकता है। आप खुद समझ सकते हैं कि जब वहां पर कोई डॉक्टर नहीं आ जा रहा है तो इलाज क्या होता होगा।

गोवंश आश्रय स्थल चकचुईयां में तिल तिल करके मरने वाले हैं जानवर

फोन के माध्यम से डॉक्टर राकेश कुमार गौतम, डॉक्टर पंकज कुमार पटेल से पूछा गया कि गो वंश स्थल पर पशुओं का इलाज करने के लिए आज गए थे या नहीं तो डॉक्टर द्वारा बोला गया कि वह आज वहां गए थे।

ड्यूटी पर तैनात सफाई कर्मचारी द्वारा बताया गया कि डाक्टर नहीं आए थे। वहां पर न तो कायदे की सुरक्षा व्यवस्था है और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के रहने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पानी की व्यवस्था भी कायदे की नहीं है। ठंड से कांपते हुए जानवरों को सही तरीके से रखने की कोई व्यवस्था नहीं है।

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