नौगढ़ में दबंगई का तांडव: गरीब को पीटकर कपड़े फाड़े, जान से मारने की धमकी
भरदुआ गांव में सब्जी लेने गया था पीड़ित
शराब के लिए पैसे मांगते हुए दबंगों ने किया हमला
जातिसूचक गालियां और जान से मारने की धमकी
रामचंद्र कनौजिया की तहरीर पर थाने में मामला दर्ज
चंदौली जिले के नौगढ़ थाना क्षेत्र में दबंगों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गरीब और कमजोर को सरेआम सड़क पर घसीटकर बेइज्जत किया जा रहा है, कपड़े फाड़े जा रहे हैं और खुलेआम जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। लात-घूसों और जातिसूचक गालियों की घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली और कानून व्यवस्था दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कपड़े फाड़े और गालियां दी, पीटते हुए घसीटा गया
विशेषरपुर निवासी रामचंद्र कनौजिया ने थाना पुलिस को दिए तहरीर में बताया कि 2 सितंबर की शाम करीब 6 बजे वह भरदुआ मोड़ पर सब्जी खरीदने गया था। लौटते समय पहले से मौजूद राजू तिवारी उर्फ राजू, लाल साहब यादव और उनके साथियों ने शराब के लिए पैसा मांगा। मना करने पर दबंगों ने जातिसूचक गालियां दीं और लात-घूसों से हमें पीटते हुए नहर की पटरी तक घसीट ले गए। इस दौरान उन्होंने धमकी दी कि अगर थाने में शिकायत करने गए जान ले लेंगे।

रामचंद्र कनौजिया का आरोप है कि दबंगों ने उसके कपड़े तक फाड़ डाले और सरेआम अपमानित किया। उसकी चीख-पुकार पर आसपास के लोग जुटे तो हमलावर जान से मारने की धमकी देकर भाग निकले। पीड़ित ने कहा—
“गरीब आदमी हूं, रोज कमाकर परिवार पालता हूं। अगर हमारी इज्जत सरेआम सड़क पर लूटी जाएगी तो हमें जीने का हक कैसे मिलेगा?” पीड़ित का कहना है कि अगर पुलिस ने अब कार्रवाई नहीं की तो वह परिवार के साथ थाने पर धरना देने को मजबूर होगा।
घटना के बाद पास पड़ोस के गांव वालों में दहशत
आसपास के रहने वाले गांव के लोगों ने कहा कि नौगढ़ क्षेत्र में चोरी, गांजा तस्करी और दबंगई की घटनाएं आम हो चुकी हैं। “पुलिस केवल तहरीर लेती है, अपराधियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती। बच्चे और महिलाएं तक डर के साये में जी रहे हैं।” ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में आए दिन घटनाएं होती हैं लेकिन पुलिस की मौजूदगी कहीं नजर नहीं आती। लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो ग्रामीण खुद सुरक्षा का इंतजाम करने को विवश होंगे।

प्रशासन की चुप्पी पर भीम आर्मी का सवाल
भीम आर्मी (ASP) के जिला संरक्षक रामचंद्र राम ने कहा कि नौगढ़ इलाके में लगातार घटनाएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन चुप है। “अगर यही हाल रहा तो लोग न्याय पाने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। दबंग पुलिस और प्रशासन को चुनौती देकर गांव में आतंक फैला रहे हैं।” आरोप लगाया कि ऐसे कई मामले हैं, पुलिस दबंगों पर ढिलाई बरत रही है और कार्रवाई में जानबूझकर देर की जा रही है। इससे लोगों में आक्रोश और ज्यादा बढ़ रहा है।
रोते बिलखते हुए रामचंद्र कनौजिया ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है। थाना पुलिस को तहरीर भी दिया है। उसका कहना है कि दबंगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी हो, गांव में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए, सुरक्षा का भरोसा दिया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से धरना-प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीण संगठनों का कहना है कि इस मामले में ठोस कदम न उठाया गया तो वे जिला मुख्यालय तक आंदोलन ले जाएंगे।
थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर मिली है और मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि दोषियों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पुलिस के इस बयान से ग्रामीणों का भरोसा अभी भी बहाल नहीं हो पा रहा है।
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