नौगढ़ में ऐसे होगा प्रधानमंत्री आवास योजना का सत्यापन, ऐसा है CDO साहब का आदेश

11,884 परिवारों का होगा गहन मूल्यांकन
पात्रता की जांच को चेकर्स की टीम करेगी
सही काम के लिए घर-घर जाकर किया जाएगा सत्यापन
चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की प्रक्रिया अब गति पकड़ रही है। सरकार की मंशा है कि वर्ष 2029 तक कोई भी पात्र ग्रामीण परिवार कच्चे या अस्थायी मकान में न रहे। इस दिशा में नौगढ़ विकास खंड में तेजी से कार्य शुरू हो गया है, जहां अब तक 11,884 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। अब इस सर्वेक्षण की गहन सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सहायक विकास अधिकारी बने चेकर्स
खंड विकास अधिकारी अमित कुमार ने जानकारी दी कि सर्वेक्षण के पश्चात अब सहायक विकास अधिकारियों को 'चेकर्स' के रूप में नियुक्त किया गया है। ये चेकर्स ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना ऐप पर दर्ज की गई सूचनाओं का भौतिक सत्यापन करेंगे। सत्यापन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ वही व्यक्ति लाभार्थी सूची में शामिल हों, जो योजना के तय मानकों पर खरे उतरते हों।

गलत जानकारी देने वालों को किया जाएगा अपात्र
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन के दौरान यदि यह पाया जाता है कि किसी लाभार्थी का नाम गलत जानकारी या अयोग्यता के आधार पर सूची में शामिल किया गया है, तो ऐसे केस को अपात्र घोषित कर रिपोर्ट किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और न्यायसंगत आवंटन सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
2029 तक सबको मिलेगा पक्का घर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पात्र ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं। सीडीओ आर. जगत सांई ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक कोई भी पात्र ग्रामीण परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। इसके लिए जो भी परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं, भूमिहीन हैं, या अब तक कच्चे मकानों में रह रहे हैं, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि केवल सत्यापित पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद चरणबद्ध ढंग से उन्हें आवास निर्माण के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा।
सीडीओ आर जगत सांई ने बताया कि योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के गरीव, भूमिहीन या कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को एक स्थाई और सुरक्षित आवास मिल सके।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष जोर
इस योजना को लेकर प्रशासन विशेष रूप से सतर्क है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जवाबदेही तय की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार लाभार्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ होगा और एक भी अपात्र व्यक्ति को लाभ नहीं मिलेगा।
नौगढ़ में चल रही यह सत्यापन प्रक्रिया प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रभावशीलता और पारदर्शिता को दर्शाती है। यदि यह प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूर्ण होती है तो यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि जरूरतमंदों को ही योजना का लाभ मिले और हर गरीब परिवार को पक्का और सुरक्षित घर मिल सके।
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