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चंद्रप्रभा डैम से रिसाव रोकने के लिए प्रदर्शन, किसान नेताओं ने किया प्रदर्शन

चकिया किसानों को संजीवनी देने वाले चंद्रप्रभा डैम के गेट और दीवारों से लगातार हो रहे रिसाव को बंद कराने की मांग को लेकर अफसरों का ध्यान खींचने के लिए भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने बुधवार को डैम के पास प्रदर्शन किया। 
 

अफसरों का ध्यान खींचने की कोशिश

12 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद जारी है रिसाव

कोई राजनेता नहीं दे रहा है ध्यान

 

चंदौली जिले के चकिया किसानों को संजीवनी देने वाले चंद्रप्रभा डैम के गेट और दीवारों से लगातार हो रहे रिसाव को बंद कराने की मांग को लेकर अफसरों का ध्यान खींचने के लिए भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने बुधवार को डैम के पास प्रदर्शन किया। 


इलाके के किसानों ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी डैम की मरम्मत ठीक ढंग से नहीं कराई गई। मरम्मत का पूरा पैसा विभागीय अधिकारी और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।


किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष एडवोकेट वीरेंद्र पाल ने कहा कि बरसात के पूर्व लगभग 12 करोड रुपए की धनराशि से चंद्रप्रभा डैम का जिर्णोद्धार किया गया था। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार की मिली भगत से जीर्णोद्धार के लिए मिले करोड़ों रुपए का बंदर बांट कर लिया। इस दौरान डैम का न तो गेट ठीक ढंग से बदला गया, न ही डैम की दीवारों में पैचिंग की गई। इसके अलावा दीवार के छिद्र को बंद करने के लिए इस्तेमाल में ली जाने वाली एपॉक्सी पदार्थ की ग्राउटिंग को भी कागज में पूर्ण कर लिया गया। जिसके परिणाम स्वरूप डैम से आज भी लाखों लीटर पानी गिरकर प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है। 


किसानों ने कहा मामले में संपूर्ण समाधान दिवस के अलावा विभागीय अधिकारियों को जब भी लिखित पत्राचार किया गया है, लेकिन कोरे आश्वासन के कुछ नहीं मिला। चेताया किसानों को संजीवनी देने वाले डैम के रिसाव को बंद नहीं किया गया तो वह व्यापक स्तर पर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। 


इस प्रदर्शन में शामिल लोगों में अध्यक्ष आशीष राय, वरुण दुबे योगाचार्य देशराज, सोहन मौर्य, रामकेश पाल, संतोष, पुल्लू, विजयी, ओमप्रकाश, धर्मेंद्र, नंदू, अरविंद मौजूद रहे।

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