राजवाहा नहर बनी काल, राजू की डूबने से मौत, ग्रामीणों ने उठाए सवाल
नहर के किनारे टहल रहा था राजू
पांच साल का विवेक और एक माह की बीना से छिन गया पिता का साया
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जिला अस्पताल
चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह एक हृदय विदारक घटना ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। चकरघट्टा थाना क्षेत्र के जयमोहनी गांव निवासी राजू (38 वर्ष), पुत्र रामगती, की मौत राजवाहा नहर में डूबने से हो गई। बताया जा रहा है कि राजू नहर के किनारे टहल रहा था, तभी उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में गिर पड़ा। देखते ही देखते वह पानी में डूब गया और उसकी मौत हो गई।

राजू की मौत ने उसके परिवार को तोड़ कर रख दिया। पत्नी रिंकी बेसुध पड़ी है और उसके दो मासूम बच्चे – विवेक (5 वर्ष) और बीना (1 माह) अब पिता के साये से वंचित हो गए हैं। गांव में मातम का माहौल है और हर किसी की आंखें नम हैं। परिजन और ग्रामीण इसे केवल हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही से हुई मौत बता रहे हैं।
ग्रामीण बोले – सिस्टम ने छीना जीवन
घटना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि कुड़ा राजवाहा नहर में पहले से भारी जलभराव था। रात के समय बिना किसी सूचना के नहर में अधिक पानी छोड़ा गया, जिससे माइनर फट गया और आस-पास के घरों में पानी भर गया। ग्रामीणों ने दावा किया कि उन्होंने समय रहते एसडीएम और सिंचाई विभाग के अफसरों को चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज किया गया।
एक ग्रामीण ने कहा, “अगर पहले ही चेतावनी पर ध्यान दिया गया होता तो आज राजू हमारे बीच होता। ये सिर्फ पानी में डूबने की घटना नहीं, ये सिस्टम की चुप्पी और अनदेखी से हुई मौत है।”
मौके पर नहीं पहुंचे बड़े अधिकारी, ग्रामीणों में आक्रोश
राजू की मौत की जानकारी मिलते ही चकरघट्टा थाना प्रभारी दयाराम गौतम मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। लेकिन एसडीएम मौके पर नहीं आए, केवल हल्का लेखपाल भेज कर औपचारिकता निभाई गई, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
ग्रामीणों का कहना है कि एक मासूम परिवार बर्बाद हो गया और जिम्मेदार अफसरों की चुप्पी अब भी नहीं टूटी है। लेखपाल ने मुआवजे की प्रक्रिया के लिए कागजी कार्रवाई की बात कही, लेकिन गांव वालों का सवाल है — “क्या कागज़ों से कोई टूटा हुआ परिवार फिर से जुड़ सकता है?”
जिलाधिकारी से न्याय की गुहार
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग से मांग की है कि मृतक के बच्चों के लिए तत्काल राहत, शिक्षा और पालन-पोषण की सरकारी गारंटी सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने सिंचाई विभाग और प्रशासन की लापरवाही की निष्पक्ष जांच कराने की मांग भी की है।
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