कोईलरवा हनुमान मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ, मुनि जी महाराज सुनाएंगे कथा
भागवत कथा सुनने से होता है जीव का कल्याण
मुनि जी महाराज के मुखारबिंद से कथा
सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का पहला दिन
चंदौली जिले के तहसील नौगढ में क्षेत्र के कोईलरवा हनुमान में शुरू हुए सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन शुक्रवार को राजेंद्र भवन, अयोध्या से पधारे मानस किंकर श्री मुनि जी महाराज ने कहा कि संसार में भगवान कृष्ण ही सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करते हैं। भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।
कथावाचक मुनि जी महाराज ने कहा कि संसार में मरने से सब लोग डरते हैं। शुकदेव महराज ने परीक्षित महराज को भागवत कथा को सुनाकर भय से मुक्त किया। पहले दिन परीक्षित और महर्षि नारद के प्रसंग की कथा को सुनाते हुए श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव मधुर संगीत के बीच उन्होंने कहा कि भागवत प्रश्न से प्रारंभ होती है और पहला ही प्रश्न है कि कलयुग के प्राणी का कल्याण कैसे होगा। इसमें सतयुग, त्रेता और द्वापर युग की चर्चा ही नहीं की गई है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि बार-बार यही चर्चा क्यों की जाती है, अन्य किसी की क्यों नहीं। इसके कई कारण हैं जैसे अल्प आयु, भाग्यहीन और रोगी। इसलिए इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है।
भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो।
इस मौके पर महंत श्री श्री 108 स्वामी रामदास त्यागी महाराज, पूर्व विधायक शिवतपस्या पासवान, डॉ गीता शुक्ला, श्यामजी धर (वैद्य), अंबिका सोनी, यशवंत सिंह यादव, नगीना केशरी, शोभनाथ, चिरौंजी जायसवाल व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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