भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का दिव्य वर्णन, शालिनी त्रिपाठी सुना रही हैं राम कथा, चौथे दिन प्रभु श्री राम ने किया अहिल्या का उद्धार
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित संगीतमय श्री राम कथा के चौथे दिन सोमवार को कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने प्रभु श्रीराम के नामकरण, जनेऊ संस्कार और बाल लीलाओं का अत्यंत भावपूर्ण और रोचक चित्रण किया।
उन्होंने बताया कि जब दशरथ नंदन श्रीराम का जन्म कौशल्या की कोख से हुआ, तो अयोध्या नगरी में अद्वितीय आनंद और उल्लास का माहौल छा गया। अतिथियों का सैलाब अयोध्या की ओर उमड़ा। सभी देवता, यहां तक कि भोले भंडारी महादेव भी प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अवध में आए।
कथा व्यास ने बताया कि अनुसार, ब्रह्मा सहित सभी देवता भगवान श्रीराम का दर्शन कर स्तुति करने के बाद लौट गए, लेकिन भगवान शंकर प्रभु की बाल लीलाओं में ऐसे रम गए कि वे अयोध्या की गलियों में विभिन्न वेश धारण कर विचरण करने लगे। कभी राजा दशरथ के राजमहल में गायक बनकर, तो कभी भिक्षु के रूप में भगवान के दर्शन करते। शंकरजी का अपने आराध्य के प्रति यह अद्वितीय प्रेम और समर्पण कथा के श्रोताओं के हृदय को छू गया।
बालक श्रीराम के नामकरण और अहिल्या उद्धार
कथा के दौरान शालिनी त्रिपाठी ने यह भी बताया कि राजा दशरथ ने अपने गुरु वशिष्ठ से चारों पुत्रों का नामकरण संस्कार करवाया। श्रीराम सहित चारों भाइयों ने अपने गुरुजनों और माता-पिता का आशीर्वाद लिया। इसके बाद भगवान श्रीराम ने बाल्यकाल में ही ताड़का का वध किया और ऋषि मुनियों को उनके आतंक से मुक्ति दिलाई।
कथा के प्रमुख प्रसंगों में अहिल्या उद्धार का वर्णन भी किया गया। अहिल्या, जिन्हें गौतम ऋषि के शाप के कारण पत्थर बनने का श्राप मिला था, श्रीराम के चरण स्पर्श से पुनः जीवित हो उठीं। यह घटना भगवान श्रीराम की असीम करुणा और दिव्यता का प्रतीक है, जिसने कथा के श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
उन्होंने कहा कि अहिल्या उद्धार का यह प्रसंग यह बताता है कि भगवान राम न केवल धर्म के रक्षक थे, बल्कि करुणा के साकार रूप भी थे, जो हर पीड़ित और शापित आत्मा को मुक्ति प्रदान करते हैं।
श्रद्धालुओं की अपार भीड़ और विशेष जनों की उपस्थिति
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया। मंच संचालन की जिम्मेदारी राजू पांडे ने निभाई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों में जिला पंचायत सदस्य आजाद अंसारी, प्रभुनारायण जायसवाल, सुनीति रामायणी, शिवनारायण, पारस खरवार, राम अवलंब, अनिल शर्मा और महावीर केसरी जैसे गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। सभी ने कथा के माध्यम से श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा प्राप्त की और आयोजकों को इस भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
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