नौगढ़ जिलाधिकारी के सामने मोबाइल में व्यस्त दिखे अधिकारी, समस्या से ज्यादा फोटो-वीडियो में दिलचस्पी
चंदौली समाचार के कैमरे से देख लीजिए अफसरों की तस्वीर
क्या कहेंगे आप
सम्पूर्ण समाधान दिवस या समस्या बढ़ाओ दिवस
चंदौली जिले की तहसील नौगढ़ में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर जनता की समस्याओं के समाधान की बजाय अधिकारियों की मोबाइल चैटिंग ने सुर्खियां बटोर लीं। डीएम निखिल टीकाराम फुंडे और एसपी आदित्य लांग्हे जनता की परेशानियां सुनने में गंभीर थे, लेकिन उनके सामने बैठे कई अधिकारी मोबाइल स्क्रीन पर व्यस्त थे। यह नजारा "समाधान" दिवस के महत्व को ही ठेंगा दिखाता नजर आया। सवाल यह उठता है कि क्या संपूर्ण समाधान दिवस का मकसद केवल नाम का समाधान है?
समस्या छोड़, स्क्रीन पर निगाहें
जहां एक ओर फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों के जवाब का इंतजार कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर अधिकारी अपने मोबाइल में "कुछ खास" खोजने में लगे थे। ऐसा लगता है कि जनता की समस्याओं से ज्यादा दिलचस्पी उन्हें वर्चुअल दुनिया में है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि समाधान दिवस का मतलब सिर्फ नाम नहीं होना चाहिए, बल्कि हर फरियादी को न्याय मिले। लेकिन नौगढ़ तहसील में अधिकारियों की कार्यशैली ने इस निर्देश की अनदेखी करते हुए सरकारी सिस्टम की उदासीनता को उजागर कर दिया।
एक फरियादी ने कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर मोबाइल ही चलाना था, तो समाधान दिवस घर बैठकर भी किया जा सकता था। हम यहां घंटों इंतजार करते हैं और अधिकारी मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। यह जनता का मजाक उड़ाने जैसा है।"
वायरल हुई तस्वीरों से प्रशासन बेनकाब
सोशल मीडिया पर अधिकारियों की मोबाइल में उलझी तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। तस्वीरें साफ दिखा रही हैं कि समाधान दिवस अब "प्रक्रिया निभाओ" दिवस बनकर रह गया है। अब सवाल उठता है कि क्या डीएम और एसपी इस मामले को गंभीरता से लेंगे? या फिर यह घटना भी अन्य मामलों की तरह सिर्फ खबर बनकर रह जाएगी? जनता उम्मीद कर रही है कि इस बार प्रशासन अपनी छवि सुधारने के लिए सख्त कदम उठाएगा। समाधान दिवस का मकसद समस्याओं का समाधान है या अधिकारियों का मनोरंजन?
इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब अधिकारी जनता की समस्याओं के प्रति लापरवाह दिखे। कभी कोई उंघता दिखा, तो कभी किसी ने सुनवाई के दौरान मोबाइल पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन इस बार मोबाइल में डूबे अधिकारियों का यह रवैया मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के विपरीत नजर आया। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा था कि समाधान दिवस का मतलब समस्याओं का वास्तविक समाधान होना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके।
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