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देखिए वीडियो : राजदरी में कबीर पंथ के संत गंभीर दास की अनुयायियों ने कैसे उतारी आखिरी आरती

 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में 12 वर्षों तक राजदरी के जंगलों  में कठोर साधना करने वाले कबीरपंथ निर्गुण शाखा के महान संत गंभीर दास लगभग 100 वर्ष  की अवस्था में बीती रात अपना शरीर त्याग दिया। शनिवार को संत कबीर दास के अंतिम यात्रा में तमाम अनुयाई शामिल हुए। 


चलो सखी आरती उतारें, सद्गुरु साहेब की... अश्रुपूरित नेत्रों से  विभोर भक्तों ने इन्हीं पंक्तियों के गायन के साथ सद्गुरु संत गंभीर दास (कबीर साहेब) के पार्थिव शरीर की आरती उतारी । राजदरी जलप्रपात में कई दशकों से रह रहे संत गंभीर साहेब शुक्रवार की रात पंचतत्व में विलीन हो गए। जानकारी होने पर विभिन्न जिलों के अंतिम दर्शन के लिए अनुयायियों की भीड़ उमड़ पडी।

नौगढ़ के रहने वाले परम भक्त रामनंदन साहेब बताया कि कबीरवाणी की मिठास के साथ उनके संदेशों की गूंज आज भी सुनाई दे रही है। बताया कि हम हिंदी नहीं समझ पाते हैं, लेकिन कबीर के भजन और प्रवचन याद हैं। हम पिछले कई सालों से संत गंभीर दास को कबीर मानते रहे हैं। 


सद्गुरु साहेब के अनन्य भक्त मोहन साहब ने  बिलखते हुए बताया कि भक्ति के साधनों का प्रयोग करके आप सत्य लोक के निवासी बन सकते हैं। मनुष्य का जीवन मिलना कठिन है, दुर्लभ है, लेकिन उससे भी अधिक दुर्लभ है सच्चे सद्गुरु का मिलना।


 अंतिम यात्रा के दौरान त्रिभुवन साहेब, संतोष साहेब, जिलाजीत यादव, रामनंदन साहेब, पारस साहेब सहित अनन्य भक्त मौजूद थे।

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