नौगढ़ में जंगल बचाने वाले वनकर्मी अब जाएंगे कोर्ट, अतिक्रमणकारी की पत्नी ने लगाए उल्टे आरोप
25 अगस्त को विशेष न्यायालय में होना होगा पेश
SC/ST एक्ट में अफसर हुए तलब
सिस्टम की चुप्पी पर उठे सवाल
चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील अंतर्गत मझगाईं रेंज में वन भूमि की रक्षा करने वाले वनकर्मी अब खुद कटघरे में हैं। 6 जुलाई को जनकपुर गांव में अवैध जुताई रोकने गए वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया था। इस मामले में कार्रवाई तो हुई, एफआईआर भी दर्ज हुई, लेकिन अब उसी प्रकरण में विशेष न्यायालय (SC/ST एक्ट) ने रेंजर मकसूद हुसैन सहित कई वनकर्मियों को 25 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।

यह आदेश जनकपुर निवासी और मुख्य अभियुक्त रामनवमी की पत्नी संजू देवी की अर्जी पर पारित हुआ है। उसने उल्टा वनकर्मियों पर ही मारपीट का आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
आपको याद होगा कि चकरघट्टा थाना क्षेत्र के जनकपुर गांव में मुख्य आरोपी रामनवमी के नेतृत्व में वनभूमि पर ट्रैक्टर से अवैध जुताई की जा रही थी। मुखबिर से सूचना मिलते ही रेंजर मकसूद हुसैन के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जैसे ही जुताई रोकी गई, वनकर्मियों पर हमला कर दिया गया। हमले में शामिल 11 लोगों के खिलाफ चकरघट्टा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

वन विभाग के रेंजर बोले-
रेंजर मकसूद हुसैन ने कहा, "हमने केवल अपनी ड्यूटी निभाई थी। वनभूमि की रक्षा हमारा कर्तव्य है। अब न्यायालय में सच्चाई को साक्ष्यों के साथ रखेंगे। हमें कानून पर भरोसा है, न्याय मिलेगा।"
यह मामला अब एक कानूनी लड़ाई से आगे निकलकर सिस्टम की निष्क्रियता का प्रतीक बनता जा रहा है। सवाल यह है कि अगर वनकर्मी ही कोर्ट में पेश होते रहेंगे, तो जंगल की रक्षा कौन करेगा?
पर्यावरणविद बलिराम सिंह उर्फ गोविंद सिंह कहते हैं कि वन भूमि की रक्षा करने वालों को अगर फर्जी मुकदमे में फंसाया गया, तो अतिक्रमण को बल मिलेगा। यह केवल वन विभाग नहीं, बल्कि पर्यावरण और समाज की सामूहिक लड़ाई है। जंगल बचाने वालों को अगर न्याय नहीं मिला, तो अतिक्रमणकारी और अधिक निडर होंगे। अब समय है प्रशासन को सख्ती दिखाने का, नहीं तो जंगल भी जाएंगे और कानून का डर भी।

अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या प्रशासन फर्जी आरोप लगाने वालों पर भी कोई सख्त कदम उठाएगा या वनकर्मियों को यूं ही कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे।
Tags
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*






