कंपोजिट विद्यालय गढ़वा का हाल जानने पहुंचे SDM साहब, जनपद और मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता पाए बच्चे
नौगढ़ एसडीएम ने मारा स्कूल में छापा
बच्चों को नहीं पता है अपने जिले व मुख्यमंत्री का नाम
निरीक्षण में गंदगी देख भड़के एसडीएम
हेड मास्टर को नोटिस
गायब अनूप कुमार का वेतन रोकने का आदेश
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में कंपोजिट विद्यालय गढ़वा का एसडीएम विकास मित्तल ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय की बदहाल व्यवस्था और साफ-सफाई की लचर स्थिति देखकर वह गुस्से में आ गए। विद्यालय परिसर, शौचालय और कक्षाओं में जगह-जगह गंदगी फैली हुई थी। उन्होंने प्रधानाचार्य ब्रह्मा देव प्रसाद को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह स्थिति किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। साथ ही रंगाई-पुताई न होने पर उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। एसडीएम ने कहा कि जब विद्यालय का माहौल ही गंदगी से भरा हो, तो बच्चों के सीखने की रुचि कैसे बढ़ेगी।
अनुपस्थित शिक्षक अनूप कुमार का वेतन रोका गया
आपको बता दें कि विद्यालय में कुल 11 अध्यापक तैनात हैं, लेकिन एसडीएम के निरीक्षण में उपस्थिति केवल पांच शिक्षकों की रही। दो अध्यापक मेडिकल अवकाश पर थे, एक ने CL लिया था और तीन शिक्षामित्र की बीएलओ ड्यूटी लगी थी। एक महिला शिक्षा मित्र तीज पर्व के कारण छुट्टी पर थी। लेकिन शिक्षक अनूप कुमार बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इस पर एसडीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनका वेतन अवरुद्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिना अनुमति अनुपस्थित रहना सीधी लापरवाही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा जाएगा।

बच्चों से पूछे सवाल, नहीं दे पाए जवाब
एसडीएम विकास मित्तल ने निरीक्षण के दौरान कक्षाओं में जाकर बच्चों से सामान्य ज्ञान और पाठ्यक्रम से जुड़े सवाल पूछे। उन्होंने छात्रों से जनपद, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का नाम पूछा, लेकिन कक्षा 5 तक के छात्र भी इसका जवाब नहीं दे पाए। यह देखकर एसडीएम हैरान रह गए और शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब बच्चों को देश और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व के बारे में ही जानकारी नहीं है, तो यह शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। उन्होंने शिक्षकों से पूछा कि आखिर नियमित पढ़ाई क्यों नहीं हो रही और बच्चों की बुनियादी जानकारी भी कमजोर क्यों है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस स्तर की पढ़ाई कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।
शौचालय और किचन की व्यवस्था पर भी सवाल
निरीक्षण में विद्यालय का शौचालय, किचन और ओवरहेड टैंक की स्थिति बेहद खराब मिली। दिव्यांग शौचालय पर ताला लगा मिला और पानी की आपूर्ति पूरी तरह बंद थी। रसोईघर की हालत देखकर एसडीएम ने नाराजगी जताई और कहा कि यदि बच्चों को भोजन और स्वच्छता की मूलभूत सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं होंगी, तो शिक्षा का माहौल कैसे सुधरेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालय परिसर, कक्षाएं और शौचालय पूरी तरह साफ-सुथरे रहें और पीने के पानी की आपूर्ति लगातार हो। एसडीएम ने कहा कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यालय का वातावरण भी उतना ही जरूरी है।
अधिकारियों को लिखा पत्र
निरीक्षण के बाद एसडीएम विकास मित्तल ने पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करएबीएसए को भेजा है। उन्होंने साफ कहा कि गड़बड़ी और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनुपस्थित शिक्षक और शिक्षा की गिरती गुणवत्ता दोनों पर विभाग को सख्त कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नियमित मॉनिटरिंग हो और हर विद्यालय में साफ-सफाई, अनुशासन और पठन-पाठन को प्राथमिकता दी जाए। एसडीएम ने यह भी कहा कि विद्यालयों में शिक्षक यदि अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाएंगे तो जिले का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
खंड शिक्षा अधिकारी लालमणि कनौजिया ने चंदौली समाचार को बताया कि बिना सूचना के गायब शिक्षक अनूप कुमार का वेतन रोकने हेतु पत्र लिखा गया है। वहीं प्रधानाध्यापक को रंगाई-पुताई और साफ-सफाई की लापरवाही को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
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