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चंदौली जिले में अब रेशम की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी, 600 किसान कर रहे काम

चंदौली जिले में अब रेशम उद्योग को पंख लगेंगे। इसके लिए अर्जुन और आसन के पौधे लगाने की योजना एक बार फिर से तैयार की जा रही है। किसानों को रेशम के कीट पालन व रेशम की खेती से जोड़कर धनवान  बनाए जाने की पहल पर काम शुरू होने वाला है। 
 
 

रेशम उद्योग को लगेंगे पंख

अब दोहरे तरीके से होगी किसानों की आमदनी

रेशम कीट पालन व छाल से दवा बनाने की तैयारी
 

चंदौली जिले में अब रेशम उद्योग को पंख लगेंगे। इसके लिए अर्जुन और आसन के पौधे लगाने की योजना एक बार फिर से तैयार की जा रही है। किसानों को रेशम के कीट पालन व रेशम की खेती से जोड़कर धनवान  बनाए जाने की पहल पर काम शुरू होने वाला है। 


आपको बता दें कि वन विभाग के सहयोग से जिले भर में पौधरोपण अभियान के तहत अधिक से अधिक अर्जुन और आसन के पौधे लाएंगे जाएंगे। इनके पेड़ों पर रेशम के कीट का पालन होगा। साथ हो अर्जुन की छाल से औषधीय तैयार कर किसान दोहरी आमदनी कर सकेंगे। 


रेशम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नौगढ़ के वन क्षेत्र में कुछ किसान व नागेंद्र राय ने बताया कि चंदौली सहित पूर्वांचल के ऐसे कई जिले हैं, जहां अर्जुन के पेड़ में रेशम के साथ इसके छाल से औषधीय तैयार कर दोहरी आमदनी की जा रही है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण सहित कई योजनाओं के तहत आर्थिक मदद भी दी जाती है।


जानकारी में इस समय जिले में लगभग 600 के करीब किसान हैं, जो कि रेशम उद्योग से जुड़े है। इस आंकड़े को और अधिक बढ़ाया जा सकता है और अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़ा जा सकता है।

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