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नौगढ़ में ‘सुशासन’ का सरकारी ढोंग, विधायक के आने पर समोसे-लड्डू से बहलाने की हुई साजिश

चंदौली जिले के नौगढ़ ब्लॉक में ‘सुशासन दिवस’ की हकीकत बेहद शर्मनाक रही। सरकार जहां ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती है, वहीं इस कार्यक्रम में जनता के साथ धोखा किया गया।
 

मंच पर बोतल का पानी, भूख-प्यास  से तड़पते रहे विकलांग

देखिए कैसे की जाती है

कार्यक्रम के नाम पर खानापूर्ति जनता को बेवकूफ बनाने का सबसे बढ़िया तरीका 

 

चंदौली जिले के नौगढ़ ब्लॉक में ‘सुशासन दिवस’ की हकीकत बेहद शर्मनाक रही। सरकार जहां ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती है, वहीं इस कार्यक्रम में जनता के साथ धोखा किया गया। जरूरतमंदों के लिए योजनाओं की जानकारी और सुविधाएं देने के बजाय उन्हें घंटों भूखा-प्यासा बिठाकर तमाशा बनाया गया। तेज धूप और लू में विकलांगों, महिलाओं और गरीबों को बिठा दिया गया, लेकिन उनके लिए न पानी था, न छांव। अधिकारी कार्यक्रम से दिनभर नदारत रहे। सबसे बड़ा अपमान तब हुआ जब पूरे दिन के इंतजार के बाद विधायक के आने से कुछ मिनट पहले जनता को ‘समोसा-लड्डू’ पकड़ाकर बहलाने की कोशिश की गई। क्या यही है सरकार का सुशासन?

आपको बता दें कि सुशासन दिवस पर सुबह 11 बजे ब्लॉक प्रमुख प्रेमा कोल को दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करना था, लेकिन पूरा दिन बीत गया और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा। सुशासन दिवस का आयोजन सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए किया गया था, लेकिन हकीकत यह रही कि यह पूरा कार्यक्रम केवल जनता की बेइज्जती का एक मंच बनकर रह गया। स्टॉलों पर कोई अफसर नहीं था, केवल सफाईकर्मी बैठे मिले। खंड विकास अधिकारी, एबीएसए, सीडीपीओ, एडीओ पंचायत, रेंजर समेत किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने कार्यक्रम में आना जरूरी नहीं समझा। जनता पूरी तरह से ठगी गई।

5 घंटे तक विकलांग और गरीब तड़पते रहे, पीने तक को नसीब नहीं हुआ पानी

इस सरकारी आयोजन में 23 विकलांगों को सपरिवार बुलाया गया, लेकिन उन्हें भीषण धूप में खुले टेंट में बैठने पर मजबूर कर दिया गया। सबसे शर्मनाक बात यह रही कि कार्यक्रम में पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। जरूरतमंद लोग पांच घंटे तक प्यास से तड़पते रहे, लेकिन प्रशासन को उनकी कोई फिक्र नहीं थी।

समोसे और लड्डू से सुशासन दिखाने की कोशिश! 
शाम 4 बजे जब विधायक कैलाश आचार्य पहुंचे, तब जाकर खानापूर्ति के लिए ट्राई साइकिल और कुछ प्रमाण पत्र बांटे गए। विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि जनता के खाते में ऑनलाइन पैसा जा रहा है और बेरोजगारों को ऑनलाइन नियुक्ति भी दी जा रही है। आपको बता दें कि जनता का अपमान यहीं खत्म नहीं हुआ—विधायक के आने से कुछ मिनट पहले, वहां मौजूद गरीबों को एक समोसा और एक लड्डू पकड़ाकर यह दिखाने की कोशिश की गई कि सरकार उनका कितना ध्यान रखती है! जनता के हक को समोसा-लड्डू में बदलने की यह राजनीति हर किसी के गले नहीं उतरी।

 ट्रेन की चपेट में आने से वृद्ध की हुई मौत, परिजनों में मचा कोहराम  चंदौली जिले के सकलडीहा में तुलसी आश्रम समीप शाम को रेललाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से वृद्ध की मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया।    बताया जा रहा है कि धीना थाना क्षेत्र के पसाई गांव निवासी झगडू राजभर (65) तुलसी आश्रम बाजार करने गए थे। परिजनों के अनुसार उनको कम सुनाई देता था। घर जाने के लिए पैदल रेललाइन पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आ गए। इससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि ट्रेन चालक ने कई बार हॉर्न बजाया, लेकिन कम सुनाई देने के कारण रेललाइन से नहीं हट पाए और ट्रेन की चपेट में आ गए।    इस सम्बंध में कोतवाल हरिनारायण पटेल ने बताया कि ट्रेन की चपेट में आने से वृद्ध की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

जनता में आक्रोश, सुशासन का ढोंग बंद करने की मांग
इस अपमानजनक घटना से जनता में भारी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि जब सरकार के नाम पर आयोजित कार्यक्रमों में ही जनता के साथ ऐसा व्यवहार होता है, तो आम दिनों में हालात क्या होंगे? लोगों ने मांग की है कि गैरहाजिर अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और सरकारी योजनाओं को केवल कागजों में चलाने की जगह जनता तक सही तरीके से पहुंचाया जाए।

क्या सरकार के लिए जनता की कीमत सिर्फ एक समोसा-लड्डू है?
सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जब जनता को उनके हक की जरूरत होती है, तो उन्हें अपमान के सिवा कुछ नहीं मिलता। नौगढ़ में हुआ यह सरकारी कार्यक्रम ‘सुशासन’ के नाम पर जनता से किया गया एक क्रूर मजाक था। यह सवाल अब उठना जरूरी है—क्या सरकार के लिए गरीबों की कीमत सिर्फ एक समोसा और एक लड्डू है?

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