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नौगढ़ में नक्सल उन्मूलन के नाम पर लूट, खेत मजदूर सभा के नेताओं ने दिया धरना

 


 चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में भारतीय खेत मजदूर यूनियन एवं ग्रामीण मजदूर सभा की ओर से गोंड व पनिका समाज के लोगों ने जाति प्रमाणपत्र की मांग को लेकर सोमवार को एसडीएम नौगढ़ कार्यालय के समक्ष धरना दिया। आदिवासी का दर्जा देने एवं जाति प्रमाणपत्र की मांग को लेकर तहसील में आयोजित एक दिवसीय धरना सायं काल तक जारी रहा।

इस दौरान संगठन के राज्य सह सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कहा कि सोनभद्र में गोंड, पनिका, चेरो, खरवार व अन्य जातियों को आदिवासी का दर्जा मिला है, लेकिन चंदौली में इन जातियों का प्रमाण पत्र जिला प्रशासन के आदेश पर चकिया, नौगढ़ तहसीलदारों के द्वारा नहीं बनाया जा रहा है। जिला प्रशासन इन जातियों को शून्य दिखाकर इनका उत्पीड़न कर रहा है।

 नौगढ़ इलाके के रहने वाले आर्थिक रूप से अत्यंत पिछड़े लोगों की हालत काफी गंभीर है। कहा की  वर्ष 2003 से ही गोंड और खरवार जो जनजाति श्रेणी में अधिसूचित है, उसका प्रमाणपत्र बनता आ रहा है लेकिन जब से यह सरकार बनी है प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है। गोंड और खरवार समाज जब वर्ष 1995 से 2000 तक अनुसूचित जाति था, तब भी 150 से अधिक प्रधान, बीडीसी ब्लाक प्रमुख निर्वाचित हुए थे। जब वर्ष 2003 से अनुसूचित जनजाति में आया तो 2015 में 53 ग्राम प्रधान, दो जिला पंचायत सदस्य एवं सैकड़ों बीडीसी पद पर निर्वाचित हुए।


 विशिष्ट अतिथि कामरेड रामकृत कोल ने कहा कि वनवासी समाज जाति के लोग अपनी संवैधानिक अधिकारों के लिए तहसील में धरना दे रहे हैं। वन अधिकार कानून के बहुत वन क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी वनवासी व अन्य परंपरागत वनवासियों को साढ़े 4 एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया जाना चाहिए, लेकिन सरकार नक्सल उन्मूलन के नाम पर आए केंद्रीय धन को लूटने का काम कर रही है। कामरेड पता लू गोंड ने कहा कि ‌ नौगढ़ में रह रहे  लोगों का सभा के अंत में जिलाधिकारी को संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा गया। 

 इस मौके पर कामरेड श्रवण यादव, मुन्नी गोंड, हरगेन यादव, रामप्यारे गोंड, कलावती देवी रामचंद्र, राजाराम ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता कामरेड सोमारू गोंड ने किया।

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