बच्चों के साथ टहल रहे भालू ने बुजुर्ग पर मारा झपट्टा, हालत गंभीर
जंगल में बच्चों के साथ टहल रहा था भालू
बुजुर्ग विश्वनाथ पर किया जानलेवा हमला
हिनौतघाट गांव की घटना
वन विभाग ने लोगों को दी ये सलाह
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में चंद्रप्रभा जलाशय के किनारे गुरुवार सुबह का वक्त, हल्की ठंडक और जंगल का शांत माहौल था, लेकिन इस शांति को एक अप्रत्याशित घटना ने इस समय शोरगुल में बदल दिया, जब 75 वर्षीय विश्वनाथ पर एक जंगली भालू ने हमला कर दिया। वह सबेरे के समय शौच के लिए बाहर निकले थे।
अचानक उन्होंने खुद को एक मादा भालू और उसके बच्चों के सामने पाया। जंगल में एक मां अपने बच्चों के साथ टहल रही थी, और शायद उसे खतरे का आभास हुआ, तभी उसने विश्वनाथ पर आक्रामक हमला कर दिया।
मादा भालू ने किया हमला
यह सोचना दिलचस्प है कि मादा भालू क्यों हमला करती है, खासकर जब वह अपने बच्चों के साथ होती है। वन क्षेत्राधिकारी योगेश कुमार ने चंदौली समाचार को बताया कि एक मादा भालू अपने बच्चों के साथ बहुत संवेदनशील होती है और अगर उसे किसी भी इंसान या जीव से खतरा महसूस होता है, तो वह तुरंत हमला कर सकती है। विश्वनाथ शायद अनजाने में भालू के इस पारिवारिक दायरे में आ गए, और मादा भालू ने अपनी सुरक्षा के लिए हमला कर दिया।
ग्रामीणों ने दिखाया अदम्य साहस, भालू को भगाया
जब विश्वनाथ की चीखें जंगल की खामोशी को चीरती हुई आसपास के गांव तक पहुंची, तो ग्रामीण तुरंत मदद के लिए दौड़े। वे जानते थे कि भालू से मुकाबला करना आसान नहीं है, लेकिन फिर भी, उन्होंने बिना डरे भालू को भगाकर विश्वनाथ की जान बचाई। यह घटना बताती है कि किस तरह इंसान और जंगली जीवों का टकराव कभी-कभी खतरनाक हो सकता है, और ऐसी जगहों पर सावधानी बरतनी जरूरी है।
डीएफओ का संदेश
डीएफओ रामनगर दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि सेंचुरी एरिया और जंगल के पास रहने वाले लोग कभी भी अकेले जंगल की ओर न जाएं। हिनौतघाट गांव सेंचुरी एरिया के पास है, जहां वन्य जीवों का प्राकृतिक निवास है। मादा भालू या अन्य वन्य जीव जब अपने बच्चों के साथ होते हैं, तो वे उनकी सुरक्षा के लिए विशेष रूप से आक्रामक हो सकते हैं। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
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