झाड़-फूंक में उलझ गई ज़िंदगी, नौगढ़ के लालतापुर गांव में जहरीले सांप के डसने से महिला की हुई मौत
झाड़-फूंक में बर्बाद हुआ कीमती वक्त
अस्पताल पहुंचते ही तोड़ा दम
पांच बच्चों की मां थी मृतका
दो बच्चे अब भी हैं अविवाहित
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में चकरघट्टा थाना क्षेत्र के लालतापुर गांव में शुक्रवार की सुबह खेत में चारा काटने गई एक महिला की जहरीले सांप के डसने से मौत हो गई। मृतका की पहचान गांव निवासी रामलाल की पत्नी आशा देवी के रूप में हुई है, जो खेत में पशुओं के लिए चारा काटने गई थी। इसी दौरान किसी ज़हरीले सर्प ने उन्हें पैर में डस लिया।

बताया जा रहा है कि घटना के बाद परिजन गंभीरता को समझने के बजाय महिला को झाड़-फूंक कराने में समय गंवाते रहे। जब हालत बिगड़ गई, तब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ ले जाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद बीएचयू वाराणसी रेफर कर दिया गया, लेकिन परिजन जब तक अस्पताल परिसर से बाहर निकले, आशा देवी ने दम तोड़ दिया।

दवा से पहले झांड़फूंक पर भरोसा
लालतापुर गांव में इस घटना के बाद मातम का माहौल है। बताया गया कि मृतका के पांच बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि दो बच्चे अविवाहित हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर झाड़-फूंक की जगह समय पर सही चिकित्सा उपलब्ध होती, तो क्या महिला की जान बचाई जा सकती थी? यह कोई पहली घटना नहीं है जब ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास के चलते किसी की जान गई हो। क्या स्वास्थ्य विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाए?

चकरघट्टा थाना प्रभारी दयाराम गौतम ने चंदौली समाचार को बताया कि शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया है और पंचनामा की कार्रवाई पूरी कर ली गई है।
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