28 मई को मनाया जाता है मासिक धर्म स्वच्छता दिवस, खास है इसका उद्देश्य
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर गोष्ठी करके चर्चा
ग्राम्या संस्थान व आर्थिक अनुसन्धान केंद्र के बैनर तले कार्यक्रम
मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के रूप में होता आयोजन
ग्राम्या संस्थान व आर्थिक अनुसन्धान केंद्र के बैनर तले जनपद चंदौली के विकास खण्ड नौगढ़ में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी MHD को मनाने की शुरुआत हुई। नीतू सिंह ने इस मौके पर बताया कि इसके लिए मई का महीना चुनने के पीछे भी एक खास वजह है। आज यानी 28 मई को हम मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे) मनाने जा रहे हैं, इससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि इस खास दिवस की शुरूआत क्यों और कैसे हुई ? साथ ही इस वर्ष की थीम भी।
मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, न कि कोई बीमारी। जैसा कि अब भी बहुत से लोग सोचते हैं। हर महीने होने वाली यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो हर महिला के शरीर को गर्भधारण के लिए तैयार करती है। मासिक धर्म के दौरान, एक महिला के गर्भाशय से रक्त और अन्य सामग्री वेजाइना के माध्यम से बाहर स्रावित होती है। हर महीने 3-5 दिन तक जारी रहने वाली यह प्रक्रिया प्यूबर्टी (10-15 वर्ष) से शुरू होकर रजोनिवृत्ति (40-50 वर्ष) तक चलती है। अब भी हमारे समाज में इस प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया को कलंक और वर्जनाओं की दृष्टि से देखा जाता है। इस मौके पर बताया गया कि मासिक धर्म पर शर्म और संकोच की नहीं बल्कि जागरुकता पैदा करने की जरूरत है।
इस विषय पर लड़कियों व महिलाओं में भी शर्म और संकोच मौजूद है। अपने स्त्री होने पर ही शर्म महसूस करना जैसे इस प्रक्रिया का दूसरा प्रतीक बन गया है। इसके अलावा अन्य शारीरिक परेशानियां भी किशोरी लड़कियों व महिलाओं के लिए इस दौरान होने वाली दिक्कतों में शामिल हैं। पेट में ऐंठन, दर्द और मूड स्विंग ऐसी परेशानियां हैं जिनसे ज्यादातर किशोरी लड़कियां व महिलाएं मासिक धर्म के दौरान परेशान रहती हैं। जबकि आज भी मासिक धर्म पर स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता है। जिसकी वजह से कई तरह के संक्रमणों का खतरा बना रहता है। इन सभी मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा जागरुकता पैदा करने के लिए 28 मई से लेकर 4 जून तक अभियान के रूप लोगों को जागरूक किया जायेगा । इस बैठक का संचालन नीतू सिंह ने किया।
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