ऐसी चर्चा है : ...तो क्या चंदौली में दूसरा जवाहर जायसवाल पैदा करने की हो रही है तैयारी
जैसे जैसे संभावित दावेदार मैदान में आ रहे हैं, वैसे वैसे सोशल मीडिया, चाय पान की दुकानों पर लगने वाली अड़ी में प्रत्याशियों को हारने व जिताने की रणनीति भी बनने लगी है। लोग दावेदारों के इतिहास व भूगोल को खंगालने व उसको लोगों के सामने पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
नगर पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज
शराब का कारोबारी ठेकेदार भी दावेदारों में शामिल
अभी से शुरू हो रहा है विरोध
चंदौली जिले के नगर पंचायत चुनाव की तारीख भले नहीं घोषित हुई है, लेकिन सीटों का आरक्षण जारी होने के बाद चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को देखकर ऐसा लगने लगा है कि अबकी चुनाव में कई दिग्गज जोर आजमाएंगे। चंदौली नगर पंचायत की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी है और इसमें तमाम ऐसे राजनीतिज्ञ संभावना देख कर अपना प्रचार करने में जुट गए हैं।
जैसे जैसे संभावित दावेदार मैदान में आ रहे हैं, वैसे वैसे सोशल मीडिया, चाय पान की दुकानों पर लगने वाली अड़ी में प्रत्याशियों को हारने व जिताने की रणनीति भी बनने लगी है। लोग दावेदारों के इतिहास व भूगोल को खंगालने व उसको लोगों के सामने पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
अबकी चुनाव में सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दलों के प्रत्याशी व तमाम तरह के व्यवसाय से जुड़े लोग मैदान में उतरने की इच्छा पाल रखे है। कुछ लोग पार्टी के टिकट मिलने पर ही लड़ेंगे, लेकिन कुछ दावेदार टिकट मिलने या न मिलने की चिंता से बेफिक्र होकर अपने दमखम से मैदान में आने की तैयारी कर रहे हैं।
ऐसी चर्चा है कि चंदौली नगर पंचायत सीट पर कोई शराब व्यवसायी भी अबकी बार हाथ आजमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। वह जिले मुख्यालय के शराब के ठेकेदार के रुप में चर्चित है। जिले की राजनीतिक इतिहास को देखा जाय तो चंदौली के लोगों ने शराब कारोबारी जवाहर जायसवाल को सांसद बनाकर एक बड़ा मुकाम दिया, लेकिन लोगों को निराशा मिली। इसीलिए जिले के कुछ लोग सोशल मीडिया पर दूसरा जवाहर जायसवाल पैदा न करने के लिए अभी से अभियान चला रहे हैं। तो वहीं चाय पान की दुकानों पर भी ऐसे लोगों से बचने की सलाह दी जा रही है।
नगर पंचायत के लोगों का कहना है कि शराब का ठेकेदार जब अध्यक्ष बनेगा तो वह मुख्यालय पर अपना व्यवसाय चमकाने का काम करेगा और उसका ध्यान यहां ज्यादा से ज्यादा ठेके खोलने का होगा। अगर नगर पंचायत में पांच सात और ठेके खोलवाकर पीढ़ी को बरबाद करना है तो ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिलवाकर जिताइए और एक और जवाहर सेठ पैदा करिए।
पैसे व पार्टी में सेटिंग करके टिकट पाने के बाद भी शराब कारोबारी को हराने के लिए अभी से कुछ लोग सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़कर गोलबंदी शुरू कर रहे हैं। जिला मुख्यालय में ऐसी भी चर्चा हो रही है कि अबकी बार शराब के व्यवसाय में शामिल किसी व्यवसायी को अध्यक्ष नहीं चुनना है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में कंप्लेंट चलाया है। चंदौली जिले से अबकी बार दूसरा जवाहर जयसवाल नहीं पैदा नहीं होने देना है। इसका मतलब साफ है कि अगर कोई राजनीतिक दल ऐसे उम्मीदवार को टिकट देता है जो शराब की व्यवसाय में शामिल है तो मतदाता उसका बहिष्कार कर सकते हैं या चुनाव में हराने की पुरजोर कोशिश कर सकते हैं, क्योंकि शराब व्यवसायी को कुछ लोग समाज में अच्छी नजर से नहीं देखते हैं।
चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि कई समाजसेवी लोगों ने फोन करके उनको बोला कि भाजपा के टिकट पर एक और जवाहर जायसवाल पैदा करने की तैयारी है, लेकिन वैश्य समाज के लोग ऐसा नहीं होने देंगे। वह एक साफ छवि के ऐसे व्यक्ति को चेयरमैन देखना चाहते हैं, जो चंदौली नगर पंचायत के भले के लिए काम करे। वह राजनीति में दूसरा जवाहर लाल जायसवाल बनने के लिए आएगा तो उसे अबकी बार पता चल जाएगा।
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