यादव जी को देना होगा 3 कार्यकालों का हिसाब, अबकी बार राह आसान नहीं
ऐसी है नेताजी को लेकर चर्चा
लोग पूछ रहे हैं 3 कार्यकालों के 3 बड़े काम
जनता में तरह तरह के तैर रहे हैं किस्से
चंदौली जिले की चंदौली नगर पंचायत में एक राजनीतिक परिवार तीन कार्यकाल पूरा करने के बाद चौथे कार्यकाल के तलाश में अबकी बार जोर आजमाइश करने की तैयारी कर रहा है. कई जगहों पर चर्चाओं में उनके समर्थक और दावेदार खुद को विजेता घोषित कर रहे हैं। निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने की फिराक में यह परिवार अबकी बार अन्य पिछड़ा वर्ग सीट पर ताल ठोकने के लिए प्रचार के साथ साथ मीडिया मैनेजमेंट करना शुरू कर चुका है। लेकिन उनके परिवार के कार्यकाल के कई किस्से लोगों में चर्चा का विषय बनने लगे हैं।
ऐसी चर्चा है कि पिछड़ा वर्ग के लिए सीट आरक्षित होते ही उनके समर्थक सारे समीकरण उनके पक्ष में बनाने की पहल की जा रही है। वहीं दूसरा वर्ग ऐसा भी है, जो उनसे पिछले 3 कार्यकालों का हिसाब भी मांगने को तैयार है।
आपको बता दें कि चंदौली नगर पंचायत बनने के बाद 1989 में जब पहला चुनाव हुआ तो लालता प्रसाद यादव यहां के पहले निर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष बने। पहले दो कार्यकाल उन्होंने पूरा किया उसके बाद बीच में मिथिलेश गुप्ता के एक कार्यकाल के गैप के बाद उनकी पुत्रवधू मीनाक्षी यादव इस कुर्सी पर काबिज हो गयीं। क्योंकि तब यह सीट महिला प्रत्याशी के लिए आरक्षित हो गई थी। इसके बाद अन्य चुनाव में उनके परिवार के लोगों को हार का भी सामना करना पड़ा है, लेकिन इस हाथ से वह हताश नहीं है और एक बार फिर से लालता प्रसाद यादव के पुत्र सुनील यादव उर्फ गुड्डू यादव चुनाव मैदान में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने तमाम तरह के सहयोगियों के साथ-साथ मीडिया मैनेजमेंट की भी अच्छी खासी तैयारी की है, ताकि चुनाव में किसी भी प्रकार की चूक न हो।
उनके समर्थकों का ऐसा दावा है कि नगर पंचायत इस चुनाव में जाति समीकरण कुछ ऐसा बनेगा बाकी वोट बैंक इधर-उधर बट जाएंगे और वह अपने समर्थकों के साथ ही कुछ अन्य बिरादरी के वोटरों को अपने पाले में खींचने में कामयाब होंगे।
लेकिन बाजार के चट्टी चौराहों और दुकानों पर जिस चर्चा को बल मिल रहा है वह यह है कि आखिर बार बार यह कुर्सी एक ही परिवार के लोगों को क्यों दी जाय। आखिर पिछले 3 कार्यकालों में ऐसा क्या खास कर दिया है। शुक्रवार को एक चाय की दुकान पर जब कई बार नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे उस परिवार की जीत की चर्चा शुरू हुई तो सामने बैठा व्यक्ति बौखला गया और बोला उनके तीन कार्यकाल के कोई तीन बड़े काम गिना दीजिए, जिससे कि जनता चौथी बार उनके ऊपर भरोसा हो और लोग एक बार फिर से वोट दें। नगर पंचायत की सीट किसी की बपौती थोड़ी है कि बाप के बाद बहू और बहू के बाद बेटा ही नगर पंचायत का अध्यक्ष बनेगा। अगर वह चुनाव मैदान में आते हैं तो उन्हें इन सब कार्यकालों का हिसाब देना पड़ेगा और बताना पड़ेगा कि चंदौली नगर पंचायत के क्षेत्र में ऐसे कौन से ऐतिहासिक काम कर दिए हैं, जिसके दम पर वह चौथी बार वोट मांगने जा रहे हैं।
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