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100 दिन में नहीं बना मिनी सचिवालय तो अब होगी कार्रवाई, DPRO का आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार एक ओर जहां गांवों को डिजिटल करने के लिए मिनी सचिवालयों का निर्माण करा रही है ताकि गांवों में विकास योजनाओं को लाने में सुविधा हो
 
गांवों को डिजिटल करने के लिए मिनी सचिवालयों का निर्माण करा रही है

उत्तर प्रदेश सरकार एक ओर जहां गांवों को डिजिटल करने के लिए मिनी सचिवालयों का निर्माण करा रही है ताकि गांवों में विकास योजनाओं को लाने में सुविधा हो। लेकिन गांव के प्रधान व इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही व कमीशनखोरी के कारण लाखों रुपए डकार लिए जा रहे हैं। 

 शासन की मंशा को पलीता लगाने का एक नया मामला चकिया ब्लाक के अंबर-डहिया गांव का पता चला है, जिसमें मिनी सचिवालय बनवाने के लिए कई दिन पहले पैसा निकाल तो लिया गया, लेकिन अभी तक मिनी सचिवालय का निर्माण पूरा नहीं हुआ। चकिया में संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत मिलने पर डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे ने सचिव को कड़ी फटकार लगाई। सौ दिनों के अंदर निर्माण कार्य को हर हाल में पूरा करने और सचिव से रिकवरी के निर्देश दिए हैं।

अंबर-डहिया ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए शासन से धनराशि भेजी गई थी। पूर्व बीडीओ सरिता सिंह के निलंबन के बाद प्रशासक रहे सत्येंद्र श्रीवास्तव के कार्यकाल में ही मिनी सचिवालय का निर्माण कराया जाना था। हालांकि कर्मियों ने धनराशि तो निकाल ली, लेकिन अभी तक भवन बनकर तैयार नहीं हुआ। तत्कालीन सचिव पर धनराशि गबन करने के आरोप लगे। उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की गई। हालांकि अभी तक न तो भवन का निर्माण पूरा हुआ और न ही आरोपित से धनराशि की रिकवरी की गई। मामला अभी अटका हुआ है।

अब इस मामले पर डीपीआरओ ने अधीनस्थ कर्मियों को कड़ी फटकार लगाई। सौ दिनों के अंदर हर हाल में निर्माण पूरा कराने व धनराशि की रिकवरी की हिदायत दी। चेताया कि भविष्य में लापरवाही सामने आई तो संबंधित की खैर नहीं।

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