सोता रहा वन विभाग, ग्राम पंचायत ने आरक्षित वन भूमि पर बना दी सीसी रोड
अब दोनों विभाग दे रहे अपनी दलील
देखिए क्या है 4 लाख की सड़क का भविष्य
सीसी रोड खोदते हैं या ऐसे ही बनी रहती है
कहा जा रहा है कि वन विभाग की संपदा और भूमि को लाखों की क्षति पहुंचाने का मामला संज्ञान में आने के बाद वन विभाग के हाथ पांव फूल गए हैं। जिसको लेकर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्रचिन्ह लगाया जा रहा है। साथ ही वन विभाग की यह कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है, क्योंकि दोषी के विरुद्ध न तो मामला दर्ज हुआ और न ही भुगतान रोकवाया गया ।
यह मामला घुरहूपुर के वन परिक्षेत्र में आने वाले आरक्षित वन भूमि का है, जहां 2023-24 मे मनरेगा से सीसी रोड का निर्माण हुआ है। आरक्षित वन भूमि पर 100 मीटर से ज्यादा सड़क बनाकर वन विभाग की भूमि, वन व खनन संपदा को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। प्रश्र इस बात को लेकर उठता है कि वन विभाग की जमीन व संपदा की इतनी क्षति के बावजूद वन विभाग मूकदर्शक बना क्यों बैठा रहा।
इतना ही नहीं बल्कि बोर्ड लगाकर विधायक कैलाश आचार्य सहित जनप्रतिनिधि व अधिकारियों का नाम दर्ज किया गया है। यह पर तीन लाख 99 हजार रूपए खर्च करने का बोर्ड भी लगा दिया गया है।
इस संबंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी अश्वनी चौबे ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि आरक्षित वन भूमि पर कोई वन संपदा, खनन संपदा और वन भूमि की क्षति हुई है तो वन विभाग तत्त्काल प्रभाव से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगा।
वहीं मामले में शहाबगंज के खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा कि ग्राम सभा के प्रस्ताव के बाद सीसी रोड का निर्माण हुआ है। वह जमीन वन विभाग की भूमि है। उसके बाबत उनको जानकारी नहीं है। अब मामला संज्ञान में आया है तो इनकी जांच करवा कर जानकारी ली जाएगी।
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