कोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण में होगा बदलाव, यह होगा लाभ
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली जिले में भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायत चुनाव को लेकर खलबली मची है। सभी पदों के आरक्षण के प्रकाशन पर रोक लगाने के बाद अब नयी तरह की चर्चाओं को हवा मिल रही है। अब वर्ष 2015 में हुए चुनाव को आधार मानते हुए नए सिरे से आरक्षण बनाने का आदेश दिया है।
अब कोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण में बदलाव से दावेदारों के चेहरे भी बदल सकते है। ऐसे में तैयारी में जुटे संभावित दावेदारों को कोर्ट ने जोर का झटका दिया है। जो लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए अब तक काफी खर्च कर चुके है। ऐसे लोगों को चुनावी समीकरण ध्वस्त होने का खतरा सताने लगा है।
पंचायत चुनाव के लिए अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को लगभग पूर्ण कर लिया गया है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य भी समाप्त हो चुका है। जिले में लगभग 13 लाख से अधिक मतदाता पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
पंचायत चुनाव में चार प्रमुख पदों में जिला पंचायत के 35, क्षेत्र पंचायत के 823, ग्राम प्रधान के 734 तथा पंचायत सदस्य के चार हजार पद शामिल है। 11 फरवरी को शासन की ओर से जारी आरक्षण निर्धारण के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
नए जारी आदेश के अनुसार अब वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव को आधार मानते हुए नए सिरे से आरक्षण किया जाएगा। ऐसे में चुनावी जंग को फतह करने के लिए मैदान में उतरे दावेदारों को काफी बड़ा झटका लगा है।
सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर ने बताया कि कोर्ट के भाजपा सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया। अब नए सिरे से आरक्षण होगा तो सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ मिलेगा।
वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि पंचायत चुनाव को संपन्न कराने में सरकार की मंशा साफ नहीं रही है। आखिर कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को सबक लेना चाहिए।
इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करके पंचायत चुनाव को निष्पक्षता से संपन्न कराएगी। आरक्षण में परिवर्तन होने से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*