जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

प्रधानजी का काम होगा और पारदर्शी : जियोफेसिंग के ज़रिए पंचायतों में होगा भुगतान, अब चेहरा स्कैन होने के बाद ही होगा भुगतान ​​​​​​​

चंदौली जिले में ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के बदले भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा रहा है।
 

बरहनी ब्लॉक के 75 पंचायतों में जियोफेसिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल

15 मई से ग्राम भुगतान प्रणाली में होगा बड़ा बदलाव

चेहरा स्कैन और लोकेशन आधारित गेटवे के बाद ही होगा भुगता

चंदौली जिले में ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के बदले भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा रहा है। इसके साथ ही ग्राम प्रधानों और सचिवों का चेहरा स्कैन करने और निर्धारित सीमा के अंदर ही भुगतान हो सकेगा। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों में जियोफेसिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जा रहा है। इंस्टॉलेशन का काम पूरा होने पर 15 मई के बाद इसे प्रभावी कर दिया जाएगा।


आपको बता दें कि अभी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के गेटवे पर भुगतान किया जा रहा है। जियोफेसिंग के चलते ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर गेटवे से हटकर भुगतान पर विराम लगेगा। पंचायत सचिव और प्रधान का चेहरा पहचानने के बाद लोकेशन बेस्ड गेटवे (जियोफेसिंग) पर भुगतान को प्रभावी किया जाएगा। व्यवस्था में बदलाव करते हुए इसे जल्दी ही लागू किया जाएगा। बरहनी ब्लॉक के 75 ग्राम पंचायतों में जियोफेसिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो चुका है।

इस संबंध में बीते 23 अप्रैल को ग्राम विकास अधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग हुई थी। विकास कार्यों, सामग्री की खरीदारी और अन्य भुगतान के लिए गांवों में बने पंचायत भवन या मिनी सचिवालय से गेटवे पोर्टल पर व्यवस्था दी गई है।

इसके बावजूद ग्राम विकास अधिकारी गेटवे से हटकर भुगतान करते हैं। आए दिन ऐसे भुगतान के मामले सामने आते हैं।

इसे देखते हुए शासनस्तर से व्यवस्था में बदलाव किया गया है। पंचायती राज विभाग ने लोकेशन बेस्ड गेटवे पोर्टल पर चेहरा पहचान कर लॉग इन और भुगतान की व्यवस्था की है।

सभी भुगतान ग्राम पंचायत सचिवालय से ही किए जाने की अनिवार्यता के साथ ही चेहरा रीड कराए जाने की व्यवस्था प्रभावी होगी। इसके लिए ग्राम विकास अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद इस प्रक्रिया के तहत काम शुरू कराई जाएगी।

जियोफेसिंग का इस्तेमाल स्थान की निगरानी के लिए किया जाता है। जियोफेसिंग एक आभासी सीमा है, जो किसी विशिष्ट स्थान के आसपास बनाई जाती है। इसका उपयोग यह ट्रैक करने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति उस क्षेत्र में है या नहीं।

इस संबंध में बरहनी बीडीओ चंद्रभान उपाध्याय ने बताया कि ग्राम पंचायतों के भुगतान के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है। अब प्रधान और सचिवों का चेहरा रीड करने के बाद ही भुगतान की प्रक्रिया पूरी होगी।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*