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भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पर प्रधान ने गढ़ी फर्जी छेड़खानी की कहानी, महिलाओं को लेकर पहुंचे SP के दरबार

बहला-फुसलाकर शिकायतकर्ता के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया था। महिलाओं के इस बयान से ग्राम प्रधान की मंशा और भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिशें बेनकाब हो गयी।
 

प्रधान ने शिकायतकर्ता को फंसाने के लिए रचा ड्रामा

मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं के नाम फर्जी शिकायत

पैसा दिलाने के नाम पर ले गया था एसपी कार्यालय

मनगढ़ंत आरोप की साजिश का हुआ पर्दाफाश 

चंदौली जनपद के चकिया ब्लॉक अंतर्गत मैनपुर गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्राम प्रधान द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले ग्रामीण को फर्जी छेड़खानी के आरोप में फंसाने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। यह साजिश तब सामने आई जब मनरेगा के अंतर्गत कार्य करने वाली कुछ महिलाओं ने सच उजागर कर दिया।

Gram Pradhan  conspiracy


दरअसल, गांव के महेंद्र पांडेय और रामविलास पांडेय नामक दो ग्रामीणों ने मनरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की जा रही हैं। शिकायत के आधार पर सीडीओ ने मामले की जांच के आदेश दिए।


जांच की आहट पाते ही ग्राम प्रधान ने खुद पर मंडरा रहे खतरे को भांपते हुए शिकायतकर्ता महेंद्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से एक सोची-समझी साजिश रच डाली। प्रधान ने मनरेगा में कार्यरत कुछ महिलाओं को यह कहकर जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलाया कि उन्हें उनका मेहनताना दिलवाया जाएगा, लेकिन वहां पहुंचने पर इन महिलाओं से महेंद्र के खिलाफ छेड़खानी की झूठी शिकायत दर्ज कराई गई।

Gram Pradhan  conspiracy


हालांकि, यह साजिश ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। संबंधित महिलाओं ने कुछ समय बाद सच उजागर कर दिया और बताया कि प्रधान ने उन्हें बहला-फुसलाकर शिकायतकर्ता के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया था। महिलाओं के इस बयान से ग्राम प्रधान की मंशा और भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिशें बेनकाब हो गयी।
फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच तेज कर दी है। सीडीओ कार्यालय द्वारा भ्रष्टाचार की जहां जांच की जा रही है। वहीं फर्जी आरोपों की पुलिस अलग-अलग स्तर पर जांच कर रही है। ग्रामीणों ने प्रधान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 
यह मामला न सिर्फ ग्राम पंचायत की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि भ्रष्टाचार उजागर करने वालों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता पैदा करता है, क्योंकि करप्शन में शामिल लोग किसी भी स्तर तक जाकर लोगों को परेशान करने की योजना पर काम कर सकते हैं।

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