ग्रामप्रधानी के आरक्षण को लेकर चक्कर काट रहे लोग, आयोग में ऐसे तय होगा फार्मूला
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वर्ष 2015 में हुए चुनाव में ग्रामप्रधान पद की सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित हुई थी। इस बार उस वर्ग के लिए यह सीट आरक्षित नहीं होगी। पंचायत चुनाव में आरक्षण चक्रानुक्रम में परिवर्तित हो जाएगा। जिसकी सूची जिला स्तर पर तैयार होगी। जिला निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव में पदों के आरक्षण का नया फार्मूला तय करेगा।
गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। विकास खंड के परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की कवायद शुरू हो गई है। पंचायत चुनाव कराने के लिए आरक्षण का नया फार्मूला (चक्रानुक्रम) प्रधानी का पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होगा, तय करेगा, नए नियम से पंचायतों के आरक्षण की स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी। ऐसे में यदि पिछले चुनाव में अनुसूचित जाति के वर्ग का प्रधान था, तो अबकी बार वह पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हो सकता है। चक्रानुक्रम लागू हो जाने के बाद प्रधानी का चुनाव लड़ने का सब्जबाग देख रहे भावी प्रत्याशी के अरमानों पर भी फिर सकता है।
हालांकि आरक्षण चक्रानुक्रम के तहत किस वर्ग के लिए कौन सी ग्राम पंचायत का पद आवंटित होगा इसकी अंतिम रूप रेखा जिला स्तर पर तैयार होगी, किस गांव में प्रधानी का पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होगा भावी उम्मीदवार प्रशासनिक कार्यालयों में आकर जानकारी जुटा रहे हैं, ग्राम पंचायतों में पुनर्गठन व परिसीमन की तिथि घोषित हो गई है, जिला प्रशासन को 25 नवंबर तक प्रस्ताव तैयार कर प्रकाशन करना है। जिसके बाद दो दिसंबर तक आपत्ति व छह दिसंबर तक प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। 18 दिसंबर तक अधिसूचना का सरकारी गजट में मुद्रण और प्रकाशन कर दिया जाएगा।
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