जानिए नौगढ में अनपढ़ मतदाताओं ने जीतने वाले प्रधानों की कैसे छीन ली कुर्सी
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चंदौली जिले के तहसील नौगढ में प्रत्याशियों की हार जीत का पूर्वानुमान अंगूठा लगे मतपत्रों ने बिगाड़ के रख दिया। गांव की सरकार बनाने जा रहे लोगों की ऐन वक्त पर अनपढो ने कुर्सी छीन लिया।
नौगढ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जागरुकता का अभाव भी सामने आया है। हजारों मतदाताओं को पता ही नहीं था कि उन्हें अंगूठा लगाना है या मुहर। 43 ग्राम पंचायतों में बैलेट पेपर से हुई वोटिंग में हजारों मतपत्र ऐसे निकले जिन पर मुहर के स्थान पर अंगूठा लगा हुआ था। ऐसे मतपत्रों को निरस्त कर दिया गया। ‘अंगूठा छाप’से निरस्त हुए मतपत्रों ने नजदीकी अंतराल से हार-जीत वाले दर्जनों प्रत्याशियों के अरमानों पर पानी फेर दिया।
ग्राम पंचायत बरबसपुर, सोनवार, जयमोहनी पोस्ता, लौवारी कला, भैंसौडा़, गोलाबाद, मझगांवा, चुप्पेपुर, धनकुवारी कला, गंगापुर, बसौली मरवटिया की मतपेटिकाओं में एक सैकड़ा से अधिक मतपत्र निरस्त मिले जिनमें सबसे अधिक मुहर की बजाय अंगूठा छाप वाले मतपत्र थे।
ग्राम पंचायत मझगांवा में सुनीता देवी की 7 और गंगापुर प्रधान मौलाना यादव की जीत सिर्फ दो मत से हुई। जबकि मझगांवा में 119 और गंगापूर में 45 से अधिक मत अंगूठा लगे होने के चलते निरस्त हुए। इसी तरह बरबसपुर में निर्वाचित प्रधान जलीमुन और सोनवार में ग्राम प्रधान बरहक की जीत का अंतर काफी कम था। बरबसपुर में 35 व सोनवार में 85 मत अंगूठा छाप निकले। इसी तरह चुप्पेपुर में महिला प्रधान पुष्पा कोल की जीत 59 मतों से हुई जबकि यहां भी 111 मत निरस्त निकले।
बसौली प्रधान पप्पू की जीत 41 मतों से हुयी जबकि 133 वोट अंगूठा निशान या अन्य कारण से खारिज हो गए। धनकुवारी कला गांव में चुनाव चिह्न में 98 मतों में अंगूठा लगा होने के कारण प्रतिद्वंदी आशा को 24 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। अंगूठा छाप मतपत्रों ने एक दो नहीं, दर्जनों ग्राम पंचायतों के प्रत्याशियों में हार जीत के खेल में बट्टा लगा दिया।
आंकड़ों में देखा जाए तो बसौली ग्राम पंचायत में सबसे अधिक 133 मत निरस्त हुए, जबकि हार जीत का अंतर सिर्फ 41 मत ही रहा। निरस्त मतों में अधिकतर अंगूठा छाप मत पत्र थे।
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