पंचायत चुनाव के पहले सरकार का बड़ा फैसला, बिना इस काम के नहीं हो सकते हैं चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहली बार पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन होगा
5 सदस्यीय होगा यह नया आयोग
एक महिला सदस्य की भी नियुक्ति अनिवार्य
आयोग अध्यक्ष को मिलेगा राज्य मंत्री का दर्जा
उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले वर्ष होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार जल्द ही पंचायती निकायों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण हेतु समर्पित आयोग का गठन करने जा रही है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार हो चुका है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
आयोग में होंगे पांच सदस्य, एक को मिलेगा राज्यमंत्री का दर्जा
प्रस्तावित आयोग में पांच सदस्य होंगे, जिनमें से एक सदस्य को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इस अध्यक्ष को राज्यमंत्री का दर्जा मिलेगा। आयोग में एक महिला सदस्य की नियुक्ति भी अनिवार्य रूप से की जाएगी। सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे, जिन्हें पिछड़ा वर्ग से संबंधित मामलों की अच्छी जानकारी और अनुभव हो।
छह माह का होगा कार्यकाल, तीन माह में देनी होगी रिपोर्टर
आयोग का कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से छह माह का होगा, लेकिन आयोग को तीन माह के भीतर या राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। यह रिपोर्ट पंचायत चुनावों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए जाने के वैज्ञानिक व तथ्यात्मक आधार तैयार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप हो रहा गठन
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए तथ्यों पर आधारित जांच व अनुसंधान पर आधारित व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है। सरकार उसी क्रम में यह आयोग बना रही है ताकि न्यायिक कसौटी पर यह आरक्षण व्यवस्था खरी उतर सके।
पंचायतवार जनसंख्या व पिछड़ेपन का होगा विश्लेषण
आयोग राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति और प्रभावों का अनुभवजन्य अध्ययन करेगा। रिकॉर्ड, रिपोर्ट, सर्वे और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर यह आयोग पंचायत स्तर पर पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का अनुपात भी तय करेगा।
आयोग को मिलेगा शोध संस्थानों और विशेषज्ञों से सहयोग
सरकार ने आयोग को यह अधिकार भी दिया है कि वह आवश्यकता पड़ने पर राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों, संस्थानों, संगठनों या व्यक्तियों से सहयोग ले सके। आयोग प्रशिक्षित शोध संस्थानों व विशेषज्ञों की सहायता से तथ्यों का गहन विश्लेषण कर सकेगा।
अध्ययन यात्राएं भी कर सकेगा आयोग
आयोग की कार्यशैली को प्रभावी बनाने के लिए उसे आवश्यकता पड़ने पर राज्य या अन्य राज्यों में अध्ययन यात्राएं करने की अनुमति भी दी जाएगी। इसके माध्यम से आयोग विभिन्न क्षेत्रों के पंचायती संरचना और पिछड़े वर्ग की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन कर सकेगा।
चुनाव होंगे समय पर, आयोग की संस्तुति होगी आधार
पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि "पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही आरक्षण तय किया जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नियत समय पर कराए जाएंगे। आयोग की संस्तुति आरक्षण निर्धारण का प्रमुख आधार होगी।"
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