कब और कैसे होगा जर्जर पंचायत भवन का कायाकल्प, ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी पर लग रहे आरोप
असवरिया गांव के पंचायत भवन के जर्जर होने की वजह से ग्रामीण परेशान
पैसों का हो रहा सिर्फ बंदरबाट
नहीं हो रहा है कोई भी कार्य
ग्रामीण लगा रहे हैं आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि भवन के मरम्मत के नाम पर 90 हजार व फर्नीचर के नाम पर 21500 रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। ऐसे में भवन की स्थिति जस की तस बनी हुई। असवरिया गांव में जहां वर्ष 2017 से 2018 में पंचायत भवन मरम्मत, रंगरोगन का कार्य 90 हजार में कराया गया। वही इसी वर्ष में कार्यालय में न 21,500 रुपये का फर्नीचर क्रय किया गया। कभी भी ग्राम पंचायत की असवरिया गांव में जर्जर पंचायत भवन जागरण बैठक नहीं होती है। ग्राम पंचायत के प्रधान और सेक्रेटरी अपनी सुविधा अनुसार अलग-अलग जगह पर बैठक करके खाना पूर्ति किया करते हैं।
इस पंचायत भवन में मिनी आंगनबाड़ी का संचालन होता है। ग्रामीणों द्वारा वर्ष 2020 में इस कार्य का जिलाधिकारी को पत्र देकर जांच करने की मांग की गई, लेकिन जांच अधिकारी जांच कार्य में लीपापोती कर गए। इससे भ्रष्टाचार करने वाले आज भी मस्त पड़े हैं। इस संदर्भ में जिलाधिकारी से फिर मिलकर ग्रामीण जांच व पंचायत भवन का पुनः जीर्णोद्धार की मांग करेंगे।
इस संबंध में जिला पंचायती राज अधिकारी ब्रह्मचारी दुबे ने कहा कि ग्राम पंचायत में विकास की रूपरेखा मिनी सचिवालयों में बनेगी। जल्द ही मरम्मत करा दी जाएगी। ग्राम पंचायत भवन को दिनभर खुला रखना और वहां पर बैठकर कार्यों को संपादित करने का आदेश दिया गया है। इसमें लापरवाही बार रखने वाले लोगों पर कार्यवाही होगी।
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