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बड़गावां ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट के नाम पर खानापूर्ति, ग्रामीणों को नहीं दी कोई जानकारी

टीम ने पंचायत भवन में कुछ लोगों को बुलाकर औपचारिकता पूरी कर ली। वहीं आडिटर आभा पाण्डेय ने पूरा विवरण देने से इन्कार कर दिया।
 

सोशल ऑडिट में ग्राम सभा की खुली बैठक नहीं हुई

टीम ने पंचायत भवन में कुछ लोगों को बुलाकर पूरी की औपचारिकता

सोशल ऑडिट के दौरान ग्राम पंचायत सेक्रेटरी रहे नदारद

ग्रामीणों ने सोशल ऑडिट प्रक्रिया पर उठाए सवाल

चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लाक के बड़गावां  ग्राम पंचायत में शनिवार  को सोशल आडिट के नाम पर औपचारिकता निभाई गई। आडिट के दौरान ग्राम सभा की खुली बैठक न होने से ग्रामीणों को मनरेगा योजना सहित अन्य विकास कार्यों की जानकारी नहीं हो सकी।

आपको बता दें कि सोशल आडिट के लिए टीम को तीन दिन पूर्व संबंधित ग्राम पंचायत के अभिलेख ब्लाक मुख्यालय से मिल जाते हैं। इन अभिलेखों का मिलान सोशल आडिट की तिथि से दो दिन पूर्व गांव में आकर टीम को करना होता है साथ ही इसकी मुनादी भी कराई जाती है। निर्धारित तिथि पर सोशल आडिट के दौरान गांव में खुली बैठक बुलाकर मनरेगा कार्यों व मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री आवासों का सत्यापन किया जाता है, लेकिन बड़गावां  गांव में सोशल आडिट के लिए मुनादी नहीं कराई गई। इससे ग्रामीणों को आडिट बैठक की जानकारी ही नहीं हो सकी।

social audit

टीम ने पंचायत भवन में कुछ लोगों को बुलाकर औपचारिकता पूरी कर ली। वहीं आडिटर आभा पाण्डेय ने पूरा विवरण देने से इन्कार कर दिया। वहीं आडिट के दौरान सेकेट्री मौजूद नहीं थे। जेई राजीव कुमार भी आडिट की औपचारिकता पूरी होने के बाद देर से आए। जिला विकास अधिकारी सपना अवस्थी ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है । आडिट बैठक मामले की जांच की जाएगी।

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