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गवईं राजनीति के चक्कर में अनपढ़ भी बन गये प्रधान, पढ़े लिखे ताक रहे मुंह

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show कहते है कि नौकरी, रोजगार के लिए शिक्षा जरूरी है लेकिन नेता बनने के लिए और सत्ता चलाने के लिए इसका कोई मानक नहीं होता है। इसलिए ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक कई अंगूठा छाप लोग भी चुनाव जीतकर नेता बन जाते हैं । अबकी बार चंदौली जिले में हुए पंचायत चुनाव के दौरान
 
गवईं राजनीति के चक्कर में अनपढ़ भी बन गये प्रधान, पढ़े लिखे ताक रहे मुंह

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कहते है कि नौकरी, रोजगार के लिए शिक्षा जरूरी है लेकिन नेता बनने के लिए और सत्ता चलाने के लिए इसका कोई मानक नहीं होता है। इसलिए ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक कई अंगूठा छाप लोग भी चुनाव जीतकर नेता बन जाते हैं । अबकी बार चंदौली जिले में हुए पंचायत चुनाव के दौरान कई ग्राम प्रधान और बीडीसी के पद पर कई अनपढ़ लोग चुनाव जीत गये हैं ।

चंदौली जिले में 734 ग्राम पंचायतें हैं। 26 अप्रैल व नौ मई को ग्राम पंचायतों में प्रधान, बीडीसी व ग्राम पंचायत व जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव हुआ। विजय हासिल करने वाले ग्राम प्रधानों में 50 निरक्षर हैं। इन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई नवनिर्वाचित प्रधानों की डिटेल में इन्हें निरक्षर दर्शाया गया है।

बताते चले कि सदर ब्लाक की 85 ग्राम पंचायतों में नौ, बरहनी की 74 में सात, नौगढ़ की 43 में 10, नियामताबाद की 88 में एक, चकिया की 88 में चार, चहनियां की 91 में पांच, धानापुर की 84 में 10, शहाबगंज की 72 में एक और सकलडीहा की 104 ग्राम पंचायतों में तीन प्रधान निरक्षर हैं। इन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा। अंगूठा लगाकर अपना काम चलाते हैं। हालांकि जातीय समीकरण और गवईं राजनीति की विडंबना की वजह से इन्हें जनप्रतिनिधि बनने का मौका मिल गया। इनके आकाओं व पढ़े-लिखे लोगों ने ही इनका सहयोग कर मैदान में उतारा और जीत दिलाई है ।

वर्तमान दौर डिजिटल का है। ग्राम पंचायतों की तमाम सुविधाओं को भी आनलाइन प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। वहीं पेपर वर्क समाप्त हो रहा है। तकनीकी के इस युग में बिना पढ़े-लिखे निरक्षर प्रधानों को वैसाखी की जरूरत पड़ेगी। परदे के पीछे के खिलाड़ी इसका फायदा उठाएंगे। यदि गांवों की जनता ने पढ़े-लिखे और शिक्षित व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुना होता तो ऐसी नौबत नहीं आती

जिले में एक प्रधान उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। चकिया ब्लाक के रामपुर कला के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान केशवमूर्ति पीएचडी हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा और योग्यता देखकर ही गांव की जनता ने अन्य उम्मीदवारों के सामने उन्हें तहजीह दी और अपना मत देकर प्रधान बनाया।

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