पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही गांवों में ‘स्मार्ट वोटिंग’से रोज चुने जा रहे प्रधान
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चंदौली जिले में चुनाव के विदेशी तौर तरीकों को भले ही अभी चुनाव आयोग ने नहीं अपनाया है। परंतु आगामी होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर गांवों में ग्रामीण मतदाताओं और प्रत्याशियों के बीच यह बिना किसी प्रशिक्षण के अपनाया जा रह है। मॉक पोल (छद्म मतदान) के नाम पर गांवों में मोबाइल पर ‘स्मार्ट पोलिंग’ खूब लोकप्रिय हो रही है।
ग्राम पंचायतों में एक मोबाइल एप के लिंक के जरिए प्रत्याशियों के बीच कड़ी जोर आजमाइश जारी है, वहीं gaon ki matdata उन्हें एक क्लिक के जरिए अपना वोट भी दे रहे हैं।रोजाना एक दूसरे की जुबानी यह बुलेटिन भी पहुंचाया जाता है कि कौन प्रत्याशी कितने पानी में है।
आज वह कितने वोटों तक पहुंच गया है, कौन आगे है और कौन पीछे है, जिनके पास स्मार्ट फोन हैं वे लिंक पर जाकर देख लेते हैं कि कौन प्रत्याशी कितने वोट पा चुका है, जो लोग बाहर कमाने गए हैं, उन्हें भी ह्वाट्सएप पर लिंक भेजकर वोट डालने के लिए अनुरोध किया जा रहा है।
ऐसे में कहा जा सकता है कि गांवों में माहौल पूरी तरह से चुनावी हो गया है।अभी तो पंचायतों का आरक्षण होना बाकी है। परंतु स्ट्रॉ पोल नाम के पोल मेकर लिंक ने संभावित प्रत्याशियों को चुनाव से पहले अपनी ग्रामसभा में मशहूर होने तथा मतदाताओं के बीच पकड़ का अहसास जरूर करा दिया है।
अभी आयोग की तिथियां भी नहीं आई हैं। लेकिन गांवों में चुनाव की भूमिका शुरू हो गयी है। कुछ गांवों में प्रधान अपनी जीत भी सुनिश्चित कर चुके हैं। सबसे अधिक वोट पाने वालों को बाकायदा प्रधानजी का संबोधन भी मिलना शुरू हो गया है।
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