पुलिस द्वारा जनता को दी गई एक एक गाली CM योगी पर पड़ेगी भारी : अंजनी सिंह
चंदौली जिले के धानापुर में समाजवादी चिंतक पूर्व सैनिक एवं जिला पंचायत सदस्य अंजनी सिंह ने भाजपा सरकार में आम गरीब कमजोर जनता महिलाओं बच्चों के साथ करवाए जा रहे पुलिसिया उत्पीड़न पर तीखा प्रहार किया है।
अंजनी सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार अंग्रेजी हुकूमत की तर्ज पर शासन कर रही आम जनता को डरा कर दबा कर रखना चाहती है। योगी जी की सरकार में पुलिस द्वारा जनता को दी गई एक एक गाली जनता पर चलवाइ गई एक एक लाठी भाजपा को आने वाले चुनाव में बहुत भारी पड़ेगा । प्रदेश की जनता सब याद करके रखी है। पुलिस को किसी को भी गाली देने का संवैधानिक अधिकार नहीं है । मैं जानता हूँ हर एक पुलिस के लोग गंदे नहीं होते लेकिन एक पुलिस के खराब व्यवहार से पूरा पुलिस मुहकमा बदनाम हो जाता है व बदनाम है।
पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को पुलिस विभाग द्वारा जनता संग होने वाले व किए जा रहे अमर्यादित व्यवहार पर विचार करना चाहिए। भारत की जनता भारत के पुलिस का गुलाम नहीं है। जनता का सम्मान सर्वोपरी है। जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई से ही पुलिस सहित सभी विभागों के कर्मचारियों के वेतन का भरपाई किया जाता है। पुलिस को यह समझना होगा की थाने जानें वाली सभी जनता अपराधी नहीं होती। बल्कि फरियादी होती है और फरियादियों संग गाली गलौज दुर्व्यवहार कत्तई उचित नहीं है ।
पुलिस अपनी तरफ़ से उचित कार्यवाही करे ये तो ठीक बात है लेकिन फरियादी जनता को गाली देने का किसी पुलिस वाले को कोई अधिकार नहीं है। पुलिस की जिम्मेदारी समाज और संविधान दोनों की होती है और पुलिस शब्द के पहले अक्षर पी का मायने ही पोलाइट होता है। पुलिस शब्द में प्रयोग होने वाले सभी लेटर्स का अपना महत्व है गुण है वो गुण जो सभी पुलिस के लोगों में होना चाहिए। सवाल बलुआ धानापुर या अन्य कहीं किसी एक या दो घटना का नहीं है। बल्कि ना जानें कितने वीडियो वायरल हो रहे व घटनाएं हो रही हैं जिसमें कुछ पुलिस के साथियों का व्यवहार अशोभनीय और चिंतनीय होता है मेरा सवाल एवं टिप्पणी उन्हीं पुलिस के लोगों के व्यवहार पर है।
उन्होंने कहा कि एक सवाल ये भी है कि आम जनता पुलिस के दुर्व्यवहार का शिकायत कहाँ करे। जिन पुलिस अधिकारियों को पुलिस के दुर्व्यवहार पर एक्शन लेना चाहिए वही पुलिस के अधिकारी पुलिस के नाम पर विभागीय तरफदारी करने में जुट जाते हैं । आखिर जनता जाए तो जाए कहाँ। सवाल यह कि जो पुलिस के लोग आम फरियादियों संग अभद्रता गाली गलौज करते हैं उन पुलिस के लोग पर आम जनता मुकदमा क्यों नहीं कर सकती और करे तो कैसे जब एफआईआर उसी पुलिस को लिखना है और उसी को जाँच भी करना है ।
जब सामान्य बड़ी छोटी घटनाओं में पुलिस एफआईआर लिखने से मना कर देती है तो पुलिस के ऊपर एफआईआर कौन लिखेगा ।उत्तर प्रदेश चंदौली जिले की जनता के साथ अंग्रेजी पुलिस जैसा व्यवहार बंद हो । पुलिस द्वारा जनता का अपमान जनता को गाली और मनमानी किसी भी पार्टी से जुड़ी जनता के लिए ठीक नहीं है । पुलिस विभाग आजाद भारत की पुलिस है । अंग्रेजों कि पुलिस नहीं । लोकतंत्र की रक्षा एवं लोक का सम्मान करना पुलिस की नैतिक जिम्मेवारी है।
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