नेशनल हेराल्ड केस में जीत के बाद आक्रोशित हुए कांग्रेसी, चंदौली में पुलिस और कांग्रेसियों के बीच तीखी नोकझोंक
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी को न्यायालय से मिली क्लीन चिट के बाद चंदौली में सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा कार्यालय घेरने निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बलपूर्वक रोककर हिरासत में लिया, जिससे शहर में घंटों अफरा-तफरी मची रही।
नेशनल हेराल्ड केस में बड़ी जीत
भाजपा कार्यालय घेराव का उग्र प्रयास
पुलिस ने कांग्रेसियों को जबरन घसीटा
भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप
सदर कोतवाली में हाई-वोल्टेज ड्रामा
चंदौली जनपद में नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हाल ही में न्यायालय द्वारा साक्ष्य के अभाव में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस मामले में क्लीन चिट दिए जाने के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे अपनी बड़ी नैतिक जीत बताया है। इसी कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस के जिला मुख्यालय पर भारी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से इस मुद्दे को तूल दिया था और अब जब न्यायालय ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है, तो भाजपा को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए।

जिला मुख्यालय पर हाई-वोल्टेज ड्रामा
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण द्विवेदी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा जिला कार्यालय का घेराव करने के लिए निकले। जैसे ही प्रदर्शनकारियों का जत्था सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यालय के समीप पहुंचा, पहले से मुस्तैद भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। पुलिस द्वारा रोके जाने से नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ता बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क खाली करने के लिए कहा, लेकिन कांग्रेसी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कार्यकर्ताओं को सड़क से घसीटकर जबरन पुलिस गाड़ियों में भरना शुरू कर दिया।
भाजपा पर तानाशाही करने का आरोप
हिरासत में लिए जाने के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के खिलाफ रची गई साजिश का अंत हो चुका है, लेकिन भाजपा अपनी हार पचा नहीं पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतारू है और संवैधानिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वालों की आवाज को पुलिस के दम पर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। अरुण द्विवेदी ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन चंदौली पुलिस का व्यवहार अलोकतांत्रिक रहा। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हुई इस नोकझोंक से मुख्यालय रोड पर घंटों यातायात प्रभावित रहा।
फिर से आंदोलन की चेतावनी
घटना के बाद सदर थाना क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को काफी कड़ा कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था। हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने इसे दमनकारी कार्रवाई बताते हुए चेतावनी दी है कि यदि भाजपा का यही रवैया रहा, तो पार्टी आने वाले समय में जिले स्तर पर और भी उग्र आंदोलन करेगी।
इस प्रदर्शन में कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह मुन्ना, मधु राय, तिकधारी बिंद, मानवेंद्र मूर्ति ओझा, राकेश सिंह, रजनीकांत पांडे, राजेश यादव, तरुण पांडे सहित जनपद के कई वरिष्ठ नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। फिलहाल सभी नेताओं को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया है, जहां माहौल अभी भी गर्माया हुआ है।
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