तहसील प्रशासन पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई के आरोप में SDM अनुपम मिश्रा का पुतला फूंका, कई जगहों पर गिरफ्तारी देने की कोशिश
कार्यकर्ताओं ने SDM पर लगे गंभीर आरोप
माले नेता संजय यादव की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन
विरोध में चंदौली में जगह-जगह हुए प्रदर्शन
चंदौली जिले के भारतमाला परियोजना के तहत विस्थापित हो रहे रेवसा गांव के दलित गरीब भूमिहीन परिवारों के पुनर्वास की मांग को लेकर चंदौली जिले में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। 10 जून से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना अब अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल में बदल चुका है। यह तनाव उस समय चरम पर पहुंचा जब पीडीडीयू नगर (मुगलसराय) के एसडीएम अनुपम मिश्रा पर आंदोलनकारियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने के गंभीर आरोप लगे।
भाकपा (माले) जिला कमेटी के आह्वान पर मंगलवार को जिले भर में एसडीएम अनुपम मिश्रा का पुतला दहन किया गया, जिसके दौरान कई जगहों पर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।

विवाद का मुख्य कारण
भाकपा (माले) जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि 30 नवंबर को एसडीएम अनुपम मिश्रा बुलडोजर और पुलिस बल के साथ रेवसा गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने पुनर्वास का वायदा पूरा होने तक मकान न गिराने का विरोध किया। आरोप है कि एसडीएम ने विरोध को अनसुना करते हुए मकान मालिक, आंदोलनकारी नेताओं और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य काउंसिल सदस्य कामरेड संजय यादव समेत चार लोगों को गिरफ्तार करवा दिया।
गिरफ्तारी के बाद एसडीएम पर अत्यंत गंभीर आरोप लगे हैं:--
1-थाने के अंदर सीसीटीवी कैमरा बंद करवाकर एसडीएम अनुपम मिश्रा द्वारा किसान महासभा नेता संजय यादव के साथ मारपीट की गई।
2-जमानत के लिए पेश होने पर एसडीएम ने अपने चेंबर में बुलाकर संजय यादव को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दीं और जीवन बर्बाद करने की धमकी देकर मानसिक उत्पीड़न किया।
3-समान धाराओं में दर्ज मुकदमे में एक व्यक्ति (विपिन यादव) को जमानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि द्वेष की भावना से संजय यादव को जेल भेज दिया गया, जो कि स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण कार्यवाही है।
जिले भर में विरोध और गिरफ्तारियों को दौर
एसडीएम की कथित भेदभावपूर्ण कार्यवाही के खिलाफ भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया:---
नौगढ़ के मझगांवा पोखरे पर चर्चित आदिवासी नेता कामरेड रामकृत कोल, एपवा जिलाध्यक्ष मुन्नी गोंड और भाकपा (माले) नौगढ़ ब्लॉक सचिव पतालू गोंड के नेतृत्व में पुतला दहन किया गया।

चहनिया और रेवसां में कामरेड हरिशंकर विश्वकर्मा, तथा रेवसां में कामरेड माधुरी, रीता, मीना, गीता, सुनीता आदि की अगुवाई में भी पुतला दहन किया गया।
चकिया इलाके में भाकपा (माले) राज्य कमेटी सदस्य कामरेड विजई राम को पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन से पहले ही सुबह गिरफ्तार कर लिया।
इसके साथ ही सैदपुर में भाकपा (माले) शहाबगंज ब्लॉक सचिव रामायण राम के नेतृत्व में, और सकलडीहा में ब्लॉक सचिव उमानाथ चौहान तथा जिला कमेटी सदस्य रमेश राय की अगुवाई में थानाध्यक्षों के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
धानापुर इलाके में अखिल भारतीय किसान महासभा नेता कामरेड श्रवण मौर्य के नेतृत्व में पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान पुलिस से तीखी छीना-झपटी हुई, जिसमें पुलिस पुतला छीनकर भाग गई।
भाकपा (माले) की मांग
प्रदर्शनकारी भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं ने 'समान केस में एक को बेल, किसान नेता को जेल क्यों, जिलाधिकारी जवाब दो!' के नारे लगाए।
संगठन की मुख्य मांगें हैं:---
1-कानून को ताक पर रखकर बदले की भावना से कार्यवाही करने वाले एसडीएम अनुपम मिश्रा का तत्काल तबादला किया जाए।
2-मानसिक उत्पीड़न, गाली-गलौज और धमकी देने के मामले में एसडीएम अनुपम मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाए।
3-किसान महासभा राज्य काउंसिल सदस्य कामरेड संजय यादव को बिना शर्त रिहा किया जाए।
4-रेवसा के दलित गरीब परिवारों को विस्थापन से पहले पुनर्वास दिया जाए।
5-भाकपा (माले) नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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