बोले धर्मेन्द्र तिवारी- चंदौली में नहीं पड़ेगा ललितेश के पार्टी छोड़ने का असर, उनका नहीं था यहां से लगाव
कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश पति त्रिपाठी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पहले अपने पद से इस्तीफा सौंपा था और अब पार्टी को भी छोड़ दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि कमलापति त्रिपाठी के परिवार का कांग्रेस पार्टी से मोहभंग हो गया है। क्योंकि जो मान-सम्मान पार्टी के द्वारा मिलना चाहिए अब वह नहीं मिल रहा है।
राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है इसका उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के ऊपर पड़ेगा और पूर्वांचल में पार्टी का एक बड़ा जनाधार पार्टी से मुंह मोड़ सकता है। पूर्वांचल की सक्रिय राजनीति करने वाले नेताओं का मानना है कि पंडित कमलापति त्रिपाठी के औरंगाबाद हाउस का पूर्वांचल की ब्राह्मण राजनीति में तगड़ी पैठ है और इसका असर पूर्वांचल के लगभग 10 जिलों में जरूर पड़ेगा।
ललितेश पति त्रिपाठी ने अपने पैतृक औरंगाबाद हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है और कहा है कि पार्टी के पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा से आहत होकर उन्हें यह दुखद फैसला लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर कई कमियां दिख रही थीं, जिसको दूर करने की कोशिश में लगे हुए थे। लेकिन स्थितियों में कोई सुधार ना होते देख पहले पद से और उसके बाद कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है।
हालांकि ललितेशपति त्रिपाठी ने पार्टी छोड़ने के बाद किसी अन्य दल में शामिल होने या कोई नया रास्ता चुनने के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि अपने समर्थकों के साथ बैठक करके इस बारे में विचार विमर्श करेंगे।
आपको बता दें कि ललितेश ने जब दो दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और तब से ही उनके कांग्रेस छोड़ने और सपा या किसी अन्य दल में जाने की चर्चाएं तेज हो गई थीं।
ऐसा कहा जाता है कि चंदौली में कांग्रेस पंडित कमलापति व उनके परिवार के इर्दगिर्द रही है तो इसका असर यहां भी दिख सकता है। पार्टी के कई नेता आज औरंगाबाद हाउस में उनके साथ देखे भी गए थे। हालांकि कोई नेता इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
इसका असर चंदौली जिले पर भी पड़ने का असर दिख रहा है, क्योंकि पंडित कमलापति त्रिपाठी और उनके परिवार से जुड़े लोगों का एक बड़ा जनाधार चंदौली और वाराणसी जिले में है। इसके बारे में जब चंदौली जिले के कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ललितेश पति त्रिपाठी के कांग्रेस पार्टी छोड़ने और पद से इस्तीफा देने का कोई भी फर्क चंदौली जिले की कांग्रेस पार्टी पर नहीं पड़ने वाला है। यहां की कांग्रेस से जुड़े नेता और कार्यकर्ता पंडित कमलापति त्रिपाठी और कांग्रेस से जुड़े थे ना कि औरंगाबाद हाउस से। उनकी सहानुभूति और लगाव पंडित जी के साथ था। बाद में उनके परिवार के लोगों ने चंदौली के साथ कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और ना ही उनका कोई यहां जनाधार बचा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के ऊपर उनके पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और यहां कांग्रेस के लिए काम करने वाले नेताओं के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं। हम सभी लोगों की निष्ठा कांग्रेस पार्टी के प्रति है ना की किसी व्यक्ति विशेष के साथ।
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