इन कारणों से चेतनारायण पर अबकी बार भारी दिख रहे हैं प्रमोद मिश्रा, दिलचस्प है MLC का चुनाव
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उत्तर प्रदेश के स्नातक एवम शिक्षक एमएलसी के निर्वाचन के लिए 1 दिसम्बर को मतदान होने जा रहा है। यह पढ़े लिखे तथा राष्ट्र निर्माण के लिए जीवन खपा देने वाले शिक्षक एमएलसी पद के लिए भी मतदान काफी महत्वपूर्ण कहा जा रहा है।
कहा जा रहा है कि 1 दिसम्बर को शिक्षक एमएलसी सीट एक तरह चेतनारायण सिंह के कब्जे में है। दो बार से वही विधायक बन रहे हैं और तीसरी बार भी जीतने का ख्वाब देख रहे हैं। सत्तापक्ष के लोग इसके लिए जी जान से कोशिश कर रहे हैं। वहीं इस बार 12 प्रत्याशी एमएलसी के लिये खड़े हैं। वो भी अपने हिसाब से जोर लगा रहे हैं।
चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से निवर्तमान विधायक चेतनारायण सिंह मैदान में है तो वहीं बहुत ही कम वोट से पिछले चुनाव में हारे हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के अधिकृत प्रत्याशी प्रमोद कुमार मिश्र फिर से मैदान में है। माना जा रहा है कि शिक्षक एमएलसी का असली मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच है।
शिक्षक समूह इस बार बीजेपी सरकार से बहुत ही नाराज हैं, क्योंकि पुरानी पेंशन, मानदेय वित्तविहीन, कई प्रकार के भत्तों सहित कई मुद्दों की वजह से मन बदल कर बीजेपी के विरुद्ध मतदान करने का मन बना रहा है। वहीं वित्तविहीन से कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं होने से तथा समाजवादी पार्टी से लालबिहारी यादव का लड़ना केवल प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाने का काम कर रहा है। लालबिहारी यादव, जो कई चुनाव कई जगहों से लड़ चुके हैं। वह भी मैदान में जोर लगा रहे हैं।
सरकार से शिक्षक कर्मचारियों को बहुत ही नाराजगी है। इसलिए संगठन के उम्मीदवार पर ज्यादा भरोसा करने की सोच रहे हैं ताकि वह उनके हित की लड़ाई लड़ सके। वहीं प्रमोद कुमार मिश्र शिक्षकों में काफी लोकप्रिय एवम सदैव उनके हितों के लिए लड़ने के लिए जाने जाते हैं।
दो बार से काफी कम वोट से चुनाव हार चुके प्रमोद मिश्रा को अबकी बाक सहानभूति भी मिल रही है। वहीं संस्कृत शिक्षक संघ, मदरसे संगठन सहायता प्राप्त सहित कई संगठन सरकार से नाराज होने के कारण प्रमोद मिश्रा की ओर जाने का मन बना रहा है। इसलिये लड़ाई रोमांचक भी है।
वहीं जौनपुर के रमेश कुमार सिंह भी मैदान में कूद कर बहुत कड़ी टक्कर देने की बात कर तो रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि वह केवल एक जिले में अपना असर दिखा पाएंगे।
पढ़ा लिखा प्रबुद्ध मतदाता किसको अपना एमएलसी चुनता है यह देखने वाली बात होगी। शिक्षकों का भविष्य भी उन्हीं के हाथ में है। निर्दल के रूप में राजेंद्र प्रताप सिंह, संजय सिंह, जितेंद पटेल, ब्रजेश भारती कृष्ण मोहन यादव सहित कई प्रत्याशी चुनाव में डट गए हैं। वहीं देखना है कि शिक्षकों कर्मचारियों की समस्या कैसे हल होगी। यह अब इस शिक्षक एम एल सी के निर्वाचन पर निर्भर करेगा।
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