मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री की उपेक्षा, नहीं मिला बोलने का मौका
योगी के मंच पर मूकदर्शक बने रहे दो मंत्री
अनिल राजभर व संजीव गोंड़
दोनों राज्यसभा सांसद को बस मिली कुर्सी
चंदौली जिले में मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान स्वागत भाषण के लिए सभी को विधायकों एवं सांसद को बोलने का मौका मिल गया, लेकिन राज्यसभा सांसद व सूबे के मंत्रियों को इस कार्यक्रम के दौरान बोलने का मौका भी नहीं मिला। इतना ही नहीं चकिया के विधायक आचार्य कैलाश आचार्य बोलने के दौरान बिना भाषण खत्म हुए योगी जी कार्यक्रम को समेटकर चलते बने, जिससे विधायकजी को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा।
बता दें कि चंदौली जिले के मंडी समिति के पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपने कार्यक्रम के दौरान 743 करोड़ रुपए की लागत के 78 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने का कार्यक्रम था। जहां पर मुख्यमंत्री का मंच पर चढ़ते ही चंदौली में उनका जमकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में स्वागत के दौरान भाषण के लिए सबसे पहले मुगलसराय के विधायक रमेश जायसवाल को मौका मिला और उनके भाषण के बाद सैयदराजा विधायक सुशील सिंह को बुलाया गया। सुशील सिंह ने अपनी विधानसभा के लिए आधा दर्जन मांगों की लिस्ट पेश कर दी। उसके बाद जिले के सांसद व भाजपा लोकसभा प्रत्याशी द्वारा उनका स्वागत भाषण देकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।
इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया और मंच से संबोधन करना शुरू कर दिया। मंच के संबोधन के बाद जैसे ही योगी जी का भाषण समाप्त हुआ था। मंच के संचालन कर्ता द्वारा चकिया के विधायक कैलाश आचार्य को बोलने का मौका दिया गया। जैसे ही उन्होंने बोलना शुरू किया तो योगी जी कुछ बातों को सुनने के बाद वहां से चल दिए, जिससे बीच में ही कैलाश आचार्य को अपना भाषण समाप्त करना पड़ा।
इस दौरान मंच पर आसीन राज्य सरकार के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री संजीव गोंड़ तथा सरकार के अनिल राजभर व राज्यसभा के दो सदस्यों के रूप में उपस्थित महिला सांसद दर्शना सिंह तथा साधना सिंह को मंच पर संबोधन करने के लिए न तो मौका मिला न ही अधिक तवज्जो दी गयी। ये सभी लोग केवल मूर्ति रूप में बैठ कर मंच की शोभा बढ़ते हुए नजर आए।
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