चंदौली जिले में विकास भवन निर्माण में जिला प्रशासन की ओर से बरती जा रही लापरवाही की अधिवक्ता डा. वीरेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है । जिला मुख्यालय के समीप पूर्व में प्रस्तावित भूमि पर ही विकास भवन निर्माण करवाने की मांग की है। चेताया कि ऐसा नहीं किया गया, तो अधिवक्ता एकबार फिर जनहित के मुद्दे पर आंदोलन को बाध्य होंगे।
बताते चलें कि अधिवक्ता डा. वीरेंद्र प्रताप सिंह ने जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जिले के तमाम सरकारी कार्यालयों के निर्माण के लिए भूमि आवंटित हो गई है। इसके बावजूद अधिकारी सुनियोजित षड्यंत्र के तहत जिले के विकास से पीछे हट रहे हैं। यदि जिला प्रशासन के विकास की मंशा होती, तो कलक्ट्रेट एवं जनपद न्यायालय समेत तमाम सरकारी दफ्तर आज पूरी तरह से अस्तित्व में होते।
उन्होंने कहा कि शासन की ओर से 5 अक्टूबर 2018 को जसुरी गांव में कलेक्टर चंदौली का नाम निरस्त कर विकास भवन के आवासीय व अनावासीय निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गयी थी। आज तक उक्त भूमि पर विकास भवन का निर्माण नहीं किया गया। अब जिला मुख्यालय से दूर दूसरे तहसील में विद्यालय की भूमि पर विकास भवन बनवाने का प्रयास कर रहा है, जो पूरी तरह से गलत है।
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