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पेपर बैलेट से चुनाव कराने की मांग खारिज, जज-बोले-कहां से लाते हो ऐसी आइडिया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्शन में बैलेट पेपर वोटिंग सिस्टम को दोबारा शुरू करने की मांग करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि EVM से पार्टियों को दिक्कत नहीं है, आपको क्यों है।
 

 सर्वोच्च न्यायालय ने नहीं मानी बैलेट से चुनाव की मांग

याचिका कर दी खारिज

भारतीय चुनाव में दलों की आपत्ति न होने का दिया हवाला

चंदौली जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पीआई एल संख्या 718/2024 डॉ0 एसके पाल बनाम भारत संघ और अन्य के संबंध में आज दिनांक 26 नवंबर 2024 को ईवीएम से चुनाव न कराने के संबंध में जनहित याचिका खारिज किया गया। इस याचिका में भारतीय चुनाव प्रक्रिया में पेपर बैलेट प्रणाली को शुरू करने की मांग की गई थी।

मामले में सुनवाई के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज कर दिया । माननीय सर्वोच्च न्यायालय की पीठ में माननीय न्यायमूर्ति  विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति पीबी वराले शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्शन में बैलेट पेपर वोटिंग सिस्टम को दोबारा शुरू करने की मांग करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि EVM से पार्टियों को दिक्कत नहीं है, आपको क्यों है। ऐसे आइडिया कहां से लाते हो।

इस पर याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा- चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए हैं।

बेंच ने कहा, चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी जब चुनाव हारते हैं तो कहते हैं कि EVM से छेड़छाड़ होती है और जब वे जीतते हैं तो वे कुछ नहीं कहते हैं।

बता दें कि पॉल ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने 3 लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं का रेस्क्यू किया है।

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