चंदौली में इसके पहले में हो चुके हैं नाव डूबने के हादसे, इन पर एक नजर
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चंदौली जिले के धीना थाना के महुजी के समीप गंगा नदी में नाव पलटने की घटना के बाद प्रशासन भले ही हरकत में आया हो। पर लोगों ने कहा कि प्रशासन ओवरलोड और जर्जर नावों के संचालन पर रोक नहीं पाता है।
महुंजी के समीप ही जिगना गांव के सामने 21 मई 2004 में भी नाव हादसा हा चुका है। गाजीपुर से नाव से बारात चंदौली की ओर आ रही थी। तभी आए चक्रवात तूफान की वजह से 35 लोगों से भरी नाव डूब गई। नाव डूबने से 13 लोगों की जान चली गई थी। जबकि बाकी लोग सुरक्षित निकल गए थे।
इसी तरह सात अक्तूबर 2007 को पड़ाव में मालवीय सेतु के नीचे नाव पलटने से दो लोग लापता हो गए थे। उनका आज तक पता नहीं चला।
वर्ष 2008 में बारिश के मौसम में टांडा कला में सवारियों से भरी नाव एक घंटे तक बीच मझधार में डवांडोल होती रही थी। काफी प्रयास के बाद सभी को बाहर किसी तरह सुरक्षित निकाला जा सका था।
इसी तरह नदी पार करने में दो वर्ष पहले अगहर बीर बहुरिया नदी में एक महिला डूब गई थी। वे भी घास काटने के लिए नदी पार कर रही थीं।
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