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आखिर अपने जिले में क्यों लाचार दिख रहे हैं सरकार के मंत्रीजी, क्यों नहीं सुनते हैं अफसर

अनिल राजभर जनता से मुलाकात करते हैं और हर समस्याओं को सुनते हुए समाधान कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन मंत्री जी के यहां जिस रास्ते से आया जाया जाता है वह रास्ता बहुत ही खराब है।
 

अपने जिले में लाचार दिख रहे हैं मंत्रीजी

मंत्रीजी के दरवाजे पर लगा रहता है पानी

कब दूर होगी लोगों की समस्या

क्यों नहीं सुनते हैं अफसर

उत्तर प्रदेश के योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी सरकार के प्रवक्ता अनिल राजभर मूल रूप से चंदौली जिले के निवासी हैं और वह विधानसभा में चंदौली जिले की संसदीय सीट की शिवपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिवपुर विधानसभा वाराणसी जिले में आती है। अनिल राजभर जब भी चंदौली जिले में आते हैं तो चंदौली जनपद की जनता उनसे मिलने उनके आवास पर आया जाया करती है। इतना ही नहीं मंत्री जी बड़े प्रेम और सादगी पूर्ण तरीके से उनसे मुलाकात भी करते हैं और छोटी बड़ी हर समस्याओं को सुनते हुए समाधान कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन मंत्री जी के यहां जिस रास्ते से आया जाया जाता है वह रास्ता बहुत ही खराब है।

 इस रास्ते के बारे में कई बार मीडिया में खबरें छपी। कई बार इस को दुरुस्त करने की कार्यवाही शुरू की गई, लेकिन कोई ऐसी बात है, जिसकी वजह से मंत्री जी के दरवाजे की यह सड़क ना तो सही तरीके से बनती दिख रही हैं और ना ही उनके यहां का कीचड़ साफ होता दिख रहा है, जिससे उनके यहां आने जाने वाले लोग काफी परेशान होते हैं।

यहां आने जाने वाले लोग इस रास्ते की ऐसी हालत देखकर मंत्री जी की सरकार और अफसरों में पकड़ पर सवाल उठाने लगते हैं। हालांकि उनके मुंह पर कोई कुछ नहीं कहता लेकिन जब वहां से गुजरता है तो जरूर उसके मन में सवाल होता है कि आखिर मंत्री जी अपने ही सरकार में इतने लाचार क्यों हैं..आखिर क्यों नहीं अधिकारी और ठेकेदार उनके दरवाजे के सामने की इस समस्या को दूर करने का कार्य करते हैं। 

वैसे सरकारी तामझाम व अफसरों के प्रोटोकॉल से दूर रहते हुए मंत्री जी खुद इसी कीचड़ के रास्ते पैदल आया जाया करते हैं, लेकिन कुछ खास कारणों से इस बारे में कुछ भी कहने से बचते हैं। यह उनकी सादगी हो सकती है, लेकिन इसका संदेश गलत जाता है। यह बात सरकार व उनके अफसरों के लिए चिंता का विषय होनी चाहिए। 

कहा जाता है कि किसी सरकार मंत्री के रूप में उनके आसपास जो कुछ भी होता है उसका जनता में एक संदेश जाता है और चंदौली जिले से यह संदेश ठीक नहीं जा रहा है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा कि योगी सरकार का एक मंत्री अपने दरवाजे की गंदगी और सड़क अगर साफ कराने में असफल है, तो बाकी जिले की स्थिति आप अपने आप समझ सकते हैं। हो सकता है कि अनिल राजभर अपने रुतबे का प्रयोग अपनी सुख सुविधा या अपने इलाके के लिए ना करते हों, लेकिन जो कोई भी उनके घर आता जाता है.. वह जरूर उनके ओहदे और रुतबे के बारे में मन ही मन कई सवाल उठाता है।

वहीं भाजपा के एक कार्यकर्ता ने कहा कि चंदौली जिले के अफसर एक मंत्री के प्रोटोकॉल के बाद भी उनके यहां आकर देखना व जानना उचित नहीं समझते हैं। यह तो बड़ा सवाल है। इसे तो मंत्री ही नहीं सरकार का अपमान माना जाना चाहिए। यह तो अनिल राजभर जी की उदारता है कि वह इस तरह की छोटी-छोटी बातों पर अफसरों को फोन नहीं करते। इसको तत्काल ठीक कराना चाहिए। 

 आज चंदौली समाचार की नजर मंत्री जी के कार्यालय जाने वाले बोर्ड पर भी पड़ी तो उस पर भी दिशा सूचक गलत तरीके से इंगित मिला। जब इस बारे में उनसे संबंधित लोगों को सूचना दी गई तो उन्होंने कहा कि सड़क पर आने वाले लोग उसको उखाड़कर गलत तरीके से लगा दिए हैं.. उसे जल्द ही दुरुस्त करा लिया जाएगा। साथ ही साथ आने जाने वाले रास्ते पर भी जल्द से जल्द काम पूरा कराने की तैयारी की जाएगी।

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