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कुशीनगर में चंदौली के बत्तख पालक ने छोड़ दिए 3600 बत्तख, पूरे इलाके में इसलिए मचा हड़कंप

बत्तख पालन करने वाले चंदौली जिले के मडवार गांव रामपुरकल तहसील चकिया निवासी 30 वर्षीय राहुल ने पूछताछ में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार को बताया कि करीब 15 वर्षों से बत्तख पालन और इसे चराने का काम कर रहा हूं।
 

चंदौली का पालक बिहार से लाया था तीन पिकअप बत्तख

हरपुर बरवा के पास मवन नाले में छोड़ी गईं 3600 बत्तखें

बर्ड फ्लू के खतरे से प्रशासन में मचा हड़कंप

20 बत्तखों के खून के सैंपल जांच को गोरखपुर भेजे गए

कुशीनगर/मथौली जिले के मथौली-हाटा मार्ग पर हरपुर बरवा के पास मवन नाले में रविवार की रात बत्तखों को छोड़े जाने के बाद हड़कंप मच गया। चंदौली का रहने वाला बत्तख पालक बिहार के मोतिहारी से तीन पिकअप से करीब 3600 बत्तख लेकर यहां पहुंचा और इन्हें नाले में छोड़ दिया। यह सूचना मिलते ही प्रशासन सतर्क हो गया।

आपको बता दें कि सीडीओ के निर्देश पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी टीम के साथ सोमवार को सुबह मौके पर पहुंचे। इसके बाद 20 बत्तखों के खून का नमूना लेकर जांच के लिए क्षेत्रीय लैब गोरखपुर भेजा। उन्होंने बत्तक पालक को बुलाकर और उससे पूछताछ भी की। उसे बत्तखों को लेकर जिले से बाहर जाने का निर्देश दिया। शाम को बत्तखों को लेकर जाने के बाद जिम्मेदारों ने राहत की सांस ली।

Duck farmer from Chandauli

जांच में पता चला कि इंडिया रनर प्रजाति के लगभग 3600 बत्तख हैं। बत्तख पालन करने वाले चंदौली जिले के मडवार गांव रामपुरकल तहसील चकिया निवासी 30 वर्षीय राहुल ने पूछताछ में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार को बताया कि करीब 15 वर्षों से बत्तख पालन और इसे चराने का काम कर रहा हूं।

बिहार के मोतिहारी से बत्तख चराकर कुशीनगर के हरपुर बरवा के पास बहने वाले मवन नाला में हम लोगों ने बत्तखों को छोड़ा। इन बत्तखों को पिकअप से लादकर लाए। बर्ड फ्लू के बारे में हमें जानकारी नहीं है।

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