खेती की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों की हुंकार, परेवां गांव में विरोध में हुई बैठक में आंदोलन की दी चेतावनी
जबरन जमीन अधिग्रहण पर परेवां में गरजे किसान
आंदोलन की रणनीति बनाकर करेंगे विरोध
उद्योग के नाम पर नहीं लुटने देंगे अपने-अपने खेत-खलिहान
चंदौली जिले के सैयदराजा बरहनी विकास खंड परेवा गांव स्थित श्री हनुमान मंदिर परिसर में शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व प्रधान विजय नारायण सिंह ने की। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार औद्योगिक क्षेत्र के नाम पर किसानों की उपजाऊ भूमि को गोपनीय तरीके से अधिग्रहण करने की साजिश रच रही है। इसको लेकर किसानों ने एकजुट होकर आंदोलन का बिगुल फूंका और चेतावनी दी कि किसी भी हाल में खेती की जमीन का अधिग्रहण नहीं होने देंगे।
बैठक में बताया गया कि शासन द्वारा परेंवा, बरठी कमरौर, मरुई, जेवरियाबाद, बरहनी, चारी, चिरईगांव, रामपुर सहित लगभग दस गांवों की करीब 6000 एकड़ उपजाऊ भूमि अधिग्रहित करने की योजना बनाई जा रही है। राजस्व विभाग द्वारा चुपचाप सर्वे भी करा लिया गया है। किसानों का कहना है कि यह जमीन सरकार निजी कंपनियों को सौंपना चाहती है, जहां दर्जनों उद्योग लगाने की तैयारी है। लेकिन किसान अपनी एक इंच जमीन भी नहीं देने देंगे।
इस बैठक में सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का गठन किया गया, जिसमें अशोक कुमार सिंह को अध्यक्ष, दिलीप सिंह को संयोजक, समरेंद्र बहादुर सिंह को उपाध्यक्ष, आलोक कुमार सिंह को मीडिया प्रभारी, मृत्युंजय सिंह को सचिव, अमलेश सिंह फौजी को कोषाध्यक्ष तथा रिंकू शर्मा को सूचना मंत्री मनोनीत किया गया।
किसानों ने संगठित होकर लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने और क्षेत्रीय स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया।
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