चंदौली जिले में कोविड-19 पर काफी हद तक नियंत्रण पाने के बाद मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन दोबारा शुरू हुआ। जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी और स्वास्थ्य उप केंद्रों पर आयोजित इस मेले में मरीजों की निशुल्क जांच और दवाइयां दी गई ।
इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वी पी द्विवेदी ने कहा कि बीते कई महीनों कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित नहीं हो पा रहा था। फिलहाल खुशी की बात है कोविड प्रोटोकाल के साथ यह आयोजन हम दोबारा करने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना काल ने हमें यही सिखा दिया है कि स्वास्थ्य अब हमारी प्राथमिकता है। इसमें लापरवाही हम सभी के लिए घातक होगी। सभी से अपील है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी शरण ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले के 248 स्वास्थ्य उप केंद्र, 6 पीएचसी, 4 सीएचसी और 3 जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया । जिसमें चिकित्सकों द्वारा कुल 864 मरीजों इलाज किया गया। अयोग्य मेल में 109 गोल्डेन कार्ड बनाए गए। साथ ही कोविड हेल्प डेस्क पर 93 मरीजों का एन्टीजेन जाँच की गई। जिसमें सभी निगेटिव पाए गए।
मेला कराने का उद्देश्य स्पष्ट है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की गई । मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
लाभार्थियों ने सराहा ब्लॉक धानापूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दिनेश सिंह ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला के आयोजन से बहुत संतुष्ट हूं। यहां तो घर के सभी लोग एक साथ आकर अपना-अपना इलाज करवा सकते हैं। मैंने भी अपनी समस्या पर डॉक्टर से परामर्श ले लिया।
मेला में मिलीं सुविधाएं -
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*