SP चंदौली के खिलाफ FR लगाकर फंस गए गाजीपुर के एसपी, फिर से करनी होगी विवेचना

चंदौली के तत्कालीन एसपी सहित 18 पुलिसकर्मियों से जुड़ा मामला
एसपी के खिलाफ फिर से विवेचना का आदेश
एसपी के बयान पर भी कोर्ट है नाराज
चंदौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार समेत 18 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुए केस में पुलिस ने एक ओर कोर्ट के आदेश पर मुकदमा लिखा और फिर आनन फानन में उसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी, लेकिन कोर्ट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मामले में फिर से विवेचना का आदेश नंदगंज के थानाध्यक्ष को दिया है।

इसके साथ ही एसपी को फटकार लगाते हुए कहा है कि केस दर्ज होने के कुछ ही समय बाद एसपी की ओर से बयान देना गैर जिम्मेदाराना है। कोर्ट ने कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजी है और मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है।
आपको बता दें कि 29 नवंबर 2024 को नंदगंज थाने में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर चंदौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार समेत 18 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इन लोगों पर सिपाही अनिल कुमार सिंह का अपहरण कर उन्हें फर्जी केस में फंसाने का आरोप था।

मामले में पुलिस ने केस दर्ज होने के दिन ही फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी और दो दिसंबर को कोर्ट में दाखिल कर दिया था। इसके खिलाफ वादी अनिल सिंह ने कोर्ट में आवेदन दिया था। जिसपर सुनवाई के बाद शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद ने नंदगंज एसओ को फिर से मामले की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले में पीड़ित और अभियुक्त दोनों पक्ष पुलिस वाले हैं तथा पुलिस के कुछ उच्चाधिकारी भी शामिल हैं। मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों के दबाव में निष्पक्ष विवेचना नहीं की गई है।
वहीं 30 नवंबर को विवेचक द्वारा विवेचना को किसी से साझा नहीं करने के बावजूद 29 नवंबर को ही पुलिस अधीक्षक द्वारा मीडिया में विवेचना के निष्कर्ष को विस्तारपूर्वक बताना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। यह एसपी की पद की गरिमा के प्रतिकूल तथा गैर-जिम्मेदाराना है। ऐसी विवेचना से आम जनमानस का पुलिस तथा आपराधिक न्याय प्रणाली पर भरोसा कम होता है तथा राज्य की छवि खराब होती।
फिलहाल कोर्ट ने आदेश की प्रति मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा है। अब देखना है कि पुलिस इस मामले में क्या करती है।
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