नौगढ़ में कवि सम्मेलन : कवियों ने देर रात तक गुदगुदाया तो, एहसासों को जगाया भी
नौगढ़ में कवि सम्मेलन
कवियों ने देर रात तक गुदगुदाया तो, एहसासों को जगाया भी
चंदौली जिले में एक शाम नौगढ़ के नाम आयोजित कवि सम्मेलन में देर रात तक हंसी के फव्वारे छूटते रहे। हास्य व्यंग के सिरमौर दमदार बनारसी ने अपनी रचनाओं के जरिए लोगों को खूब हंसाया और कविताएं सुनाकर उन्होंने खूब तालियां बटोरी। कवि सम्मेलन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्मृति चिन्ह देकर शिक्षक जितेंद्र यादव, प्रधान यशवंत सिंह, एडवोकेट जिलाजित सिंह को सम्मानित किया गया। चकाचौंध ज्ञानपुरी ने काव्य पाठ करते हुए कहा अमृत महोत्सव हम इस तरह से मनाए हैं, सन 47 से चलकर हम एके-47 तक आए हैं।
चंदौली जिले के विकास खंड नौगढ़ के सभागार में एक शाम नौगढ़ के नाम आयोजित कवि सम्मेलन भव्य आयोजन की गवाह बनी। कवियों ने अपनी रचनाओं से कभी गुदगुदाया तो कभी एहसासों को जगाया तो कभी देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वन क्षेत्राधिकारी नौगढ़ रिजवान अली खान, बृजेश पांडे, मकसूद हुसैन, विशिष्ट अतिथि सपा के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर, खंड विकास अधिकारी सुदामा यादव, एबीएसए अवधेश नारायण सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ ओंकार नाथ और अशोक जायसवाल ने अतिथियों को शाल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
आपको बता दें कि कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे चकाचौंध ज्ञानपूरी को आयोजकों ने जहां स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वहीं कोविड-19 टीकाकरण में जिले में नौगढ़ का नाम रोशन करने वाले ग्राम प्रधान यशवंत सिंह यादव तथा शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने के लिए शिक्षक के रूप में जितेंद्र सिंह यादव, समाजसेवी जय प्रकाश सिंह उर्फ शेरू यादव, बच्चा यादव को भी शाल स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार एडवोकेट, संपादक सोनभद्र राम प्रसाद यादव, राजनाथ सिंह यादव, वीरेंद्र कुमार बिंद, मनोज कुमार पांडे, कालिदास त्रिपाठी, आनंद पाठक, कुमार विश्वकर्मा, डॉ श्रीराम यादव, सरोज माली, पीर मोहम्मद, विनोद यादव आदि प्रमुख रहे। सम्मेलन में आए समस्त अतिथियों और कवि गणों का स्वागत सम्मान एवं धन्यवाद अभिवादन गांव गिरांव के प्रधान संपादक धर द्विवेदी ने किया।
कवि सम्मेलन में कवियों की रचना
कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग के सिरमौर दमदार बनारसी के माइक संभालते ही सभागार तालियों से गूंज उठा। उन्होंने अपनी हास्य और चुटीली रचनाओं के जरिये लोगों को खूब हंसाया। एक के बाद एक चुटकुले एवं हास्य व्यंग्य के मुक्तक एवं कविताएं सुनाकर उन्होंने न सिर्फ तालियां बटोरीं, बल्कि उपस्थित श्रोताओं को देर रात तक हंसी का फव्वारा छोड़ने पर विवश कर दिया। वह जब तक मंच पर रहे, हंसी के फव्वारे छूटते रहे। युवा कवि सुरेश अकेला ने गीतों से गुनगुनाया दर्द को गीतों से गुनगुनाता रहूं, हर घड़ी प्यार के गीत गाता रहूं.. मुझ पर इतना कर्म कर ए खुदा गर्दिशों में भी मुस्कुराता रहूं" को श्रोताओं ने खूब पसंद किया।
लखनऊ से पधारे अमरीश ठाकुर ने हवा का रुख बदलना चाहते हैं, दिए हैं और जलना चाहते हैं! मुसव्विर कैनवास बदलो, तुम्हारा हम अब मंजर बदलना चाहते हैं.. सुनाकर खूब तालियां बटोरी। युवा कवि दान बहादुर सिंह ने अपनी रचनाओं से खूब शमा बांधा ..तो माफी तो मांग रही थी उस गलती के लिए, जो उसके हिस्से की थी ही नहीं"! कवि सम्मेलन में नारी शक्ति की प्रतीक गीत गजलों के लिए मशहूर कवियत्री पूनम श्रीवास्तव ने 'सीने पर अपने गोलियां खाते चले गए, कदमों में दुश्मनों को झुकाते चले गए सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया!
कवि मंचों की जानी मानी हस्ती और अध्यक्ष पद की गरिमा में चार चांद लगाने वाले प्रोफ़ेसर चकाचौंध ज्ञानपुरी ने वर्तमान हालात पर तीखा वार करते हुए कहा कि स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव हम इस तरह मनाए हैं सन 47 से चलकर हम एके 47 तक आए हैं। चिरैयाकोट से पधारे शायर अहमद आज़मी ने देश भक्ति पर अपनी रचना देश की आन बान जिंदाबाद, फौजी जवान जिंदाबाद सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।
गंगा जमुनी तहजीब के नामचीन शायर सलीम शिवालवी ने आवाम का हथियार है अखबार नवीसी, आईने संसार है अखबार नवीसी, मैदान-ए-जंग होकर सुलगता हुआ शहर, हर मोड़ पर बेदाग है अखबार नवीसी। के साथ ओज की रचनाओं को सुना कर मंच को रौनक दी।
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